बम्बा मे पानी न आने से किसान खेतों का नहीं कर पा रहे पलेवा

धान की फ़सल के बाद गेंहूँ की बुआई करने के लिए अधिकतर खेतों मे करना पड़ता है पलेवा
बम्बा मे पानी न आने से आर्थिक रूप के कमजोर किसानों की गेंहूँ की फ़सल की बुआई हो सकती है लेट
जीटी-70025, ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूंँद।
17 नवंबर 2023
#फफूँद,औरैया।
किसान धान की फ़सल ले चुके है अब गेंहूँ की फ़सल की बुआई तेजी से चल रही है संम्पन्न किसान खेतो का पलेवा करके गेंहूँ की बुआई भी कर चुके है, अधिकतर किसान बुआई करने के लिए बम्बा मे पानी आने का इंतजार कर रहे है जिससे उनकी गेंहूँ की बुआई मे देरी हो रही है। धान की फ़सल के बाद अधिकतर किसान गेंहूँ की फ़सल की तैयारी करने लगते है धान की फ़सल लेने का बाद अधिकतर खेतों मे पलेवा करने की जरूरत पड़ती है। बम्बा मे पानी न आने से किसान खेतों का पलेवा नहीं कर पा रहे है, जिससे उनकी गेंहूँ की फ़सल की बुआई मे देरी हो रही है।
आर्थिक रूप से संम्पन्न किसानो ने अपने निजी संसाधनों से खेतों का पलेवा करके गेंहूँ की बुआई नवंबर माह के पहले या दूसरे सप्ताह मे कर दी थी। जिसका जमाव भी शुरु हो चूका है। जो किसान आर्थिक रूप से कमजोर है सिचाई का निजी साधन नहीं है वे बम्बा के पानी पर निर्भर है इस समय बम्बा मे पानी नहीं है, जिससे किसान गेंहूँ बोने के लिए खेतो का पलेवा नहीं कर पा रहे है। गेंहूँ की बुआई इस समय तेजी से चल रही है। कुछ खेतों मे पलेवा की जरूरत नहीं पड़ी। जिन खेतों मे पलेवा की अवश्यकता पड़ी किसानों ने निजी नलकूपों से पलेवा करके समय से गेहूं की बुआई कर दी। बम्बा मे पानी नहीं आने से बम्बा पर निर्भर किसानों की गेंहूँ की फ़सल की बुआई दिसंबर महीने तक जा सकती है। सर्दी के मौसम मे खेतों मे किया जाने वाला पलेवा की ओट खेतों मे सप्ताह या दस दिन से पहले नहीं आ सकती। देर से बोई जाने वाले फ़सल के उत्पादन मे कमी आने की संभावना बनी रहती है। देर से बोई जाने वाली फ़सल मे किसान उर्वरक भी खेतो मे अधिक ड़ालते हैं, जिससे किसानों की फ़सल लागत बढ़ जाती है। समय से बोई गई सरसों, चना, मटर की फसलों मे भी पानी की जरूरत है बम्बा मे पानी न आने से इन फसलों पर भी प्रभाव पड़ सकता है लिस समय क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर किसान बम्बा के पानी का इन्जार कर रहे है ताकि जल्द गेंहूँ की बुआई कर सके। रजवाहा संघ के अध्यक्ष गिरधरभक्त मिश्रा ने बताया कि बम्बो मे सिल्ट सफाई का कार्य चल रहा है दो चार दिनों मे किसानों को पानी मिल जाएगा।