उत्तर प्रदेशलखनऊ

विकास भवन मे किसान दिवस का हुआ आयोजन

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात

कानपुर देहात

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व कानपुर देहात की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन विकास भवन स्थित सभागार में किया गया। आयोजित किसान दिवस में उप कृषि निदेशक कानपुर देहात, जिला कृषि अधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्सा, अधिकारी सहायक निबंधक सहकारिता क्षेत्रीय प्रबंधक के साथ-साथ स्थानीय किसान नेताओं एवं अन्य प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
जिला कृषि अधिकारी द्वारा किसानों को खरीफ की तैयारी एवं जनपद में उपलब्ध कृषि निवेशों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा किसानों को पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसानों एवं मृदा स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए उनसे अपेक्षा की गई कि वह पराली को जलने के स्थान पर उसे खेतों में ही सलाहकार जैविक उर्वरक के रूप में प्रयोग करें जिससे मृदा में जीवांश कार्बन में वृद्धि हो।
जिला उद्यान अधिकारी कानपुर देहात द्वारा किसानों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे ड्रिप स्प्रिंकलर रंगन आदि पर अनुदान के संबंध में जानकारी प्रदान की गई तथा अवगत कराया गया कि विभाग में आलू का बीज उपलब्ध है जिन किसानों द्वारा आलू के बीज हेतु आवेदन किया गया था वह दो दिन दिवस के अंदर आलू प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा पशुपालन विभाग से संचालित राजकीय पशुधन बीमा योजना एवं प्रगतिशील पशुपालक योजना के संबंध में कृष्ण को जानकारी प्रदान करते हुए अवगत कराया गया की सामान्य कृषक 25% प्रीमियम एवं अनुसूचित जाति के कृषक 10% प्रीमियम जमा कर अपने पशुओं का बीमा कर सकते हैं यदि किसी भी कारण से पशु की मृत्यु होती है तो बीमा कंपनी द्वारा उनको क्षतिपूर्ति का लाभ प्रदान किया जाएगा। प्रगतिशील पशुपालक योजना के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए उनके द्वारा अवगत कराया गया कि विभाग द्वारा जनपद में यह कार्यक्रम संचालित है जिसके अंतर्गत 8 से 10 लीटर तक दूध देने वाले मवेशी को ₹10000 एवं 10 से 12 लीटर तक दूध देने वाले मवेशी को ₹15000 तक का इनाम दिया जाने का प्रावधान है।
उप कृषि निदेशक कानपुर देहात श्री राम वचन राम द्वारा किसानों को परंपरागत खेती से होने वाले लाभों तथा रासायनिक उर्वरकों के दुष्परिणामों के संबंध में अवगत कराया गया। और अपेक्षा की गई की अधिक से अधिक कृषक परंपरागत अथवा जैविक खेती को अपनाकर रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों पर निर्भरता कम हों सके। उपरोक्त के साथ-साथ उप कृषि निदेशक द्वारा किसानों को फसल अवशेष/पराली न जलाने हेतु जागरूक किया गया, उनके द्वारा अवगत कराया गया कि फसल अवशेष/पराली जलाने से जहाॅ एक ओर पर्यावरणीय क्षति, मृदा स्वास्थ्य एवं मित्र कीटों पर कुप्रभाव पडता है वही दूसरी ओर फसलों एवं ग्रामों में अग्निकाण्ड होने की भी सम्भावना होती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी के तापमान में वृद्धि होने से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशा पर विपरीत प्रभाव पडता है, मिट्टी में उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट होते है जिससे जीवांश के अच्छी प्रकार से सडने में भी कठिनाई होती है। पौधे जीवांश से ही पोषक तत्व खतम हो जाते है। पराली प्रबन्धन हेतु कृषक भाई फसल कटाई उपरान्त मल्चर, एम0बी0प्लायू, हैप्पी सीडर, सूपर सीडर, आदि इन-सीटू कृषि यंत्रों के माध्यम से जुताई कर दें, जिससे फसल अवशेष छोटे-छोटे टुकडों के कट कर मिट्टी में मिल जायेगा, तदोपरान्त यूरिया/वेस्ट डिकम्पोजर का छिडकाव कर खेत में पानी लगा दे, जिससे फसल अवशेष का प्रबन्धन होने के साथ-साथ खेत को जैविक उर्वरक की प्राप्ति होगी एवं अगली फसल के उत्पादन में वृद्धि होगी। उपरोक्त के अतिरिक्त किसान भाई फसल अवशेष से कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट खाद बना कर जैविक उर्वरक के रूप में प्रयोग अथवा जिला प्रशासन द्वारा जनपद में संचालित पराली दो खाद लो कार्यक्रम अन्तर्गत दो ट्राली पराली के बदले एक ट्राली गोबर खाद प्राप्त कर सकते है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व द्वारा अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने का प्रयास किया जा रहा है जो बिना किसानों के सहयोग के संभव नहीं है। इसी क्रम में किसानों की आई बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न विभागीय योजनाओं का संचालन किया जा रहा है उनके द्वारा अपेक्षा की गई की अधिक से अधिक कृषक विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। उनके द्वारा मोटा अनाज के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए अवगत कराया गया कि सरकार ने इसे श्री अन्य घोषित किया है जिससे जनता को पौष्टिक आधार मिल सके एवं इनको बेचकर किसानों को भी अच्छी आमदनी हो अपर जिला अधिकारी द्वारा यह भी अवगत कराया गया की वर्तमान समय में जनपद में 32 धान क्रय केंद्र 11 बाजार क्रय केंद्र 11 ज्वार बकरा केंद्र एवं 6 मक्का क्रय केंद्र संचालित हैं। अपर जिलाधिकारी द्वारा किसानों से अपेक्षा की गई कि वह कदापि फसल अवशेष ना जलाएं उनके द्वारा अवगत कराया गया किमा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने पर पूर्णतः रोक लगाते हुए इस दण्डनीय अपराध की श्रेणी में रखा है तथा यदि किसी व्यक्ति द्वारा फसल अवशेष/पराली जलाने की घटना घटित की जाती है तो मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-24 एवं 26 के अन्तर्गत उसके विरूद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रु0 2500/- प्रति घटना, 02 से 05 एकड़ के लिए रु0 5000/- प्रति घटना और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रु0 15000/- प्रति घटना की दर से अर्थदण्ड वसूले जाने का प्राविधान है।
किसान नेताओं द्वारा समस्या उठाई गई की बैंकों द्वारा किसानों को विभिन्न योजना हेतु ऋण देने में उदासीनता भारती जाती है जिस पर अपर जिलाधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया कि वह बैठक कर किसने की समस्याओं का निराकरण करेंगे।
ग्राम जसपुर झींझक के प्रैक्टिशील कृषक श्री फूल सिंह द्वारा कृषकों को जैविक खेती के तरीकों तथा उससे होने वाले लाभों के संबंध में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई

Global Times 7

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