यबंदरों के आतंक से शहर वासियों को नहीं मिल रही निजात

बंदरों के हमलों से लोग रहते हैं भयभीत राह निकलना भी हो जाता है दूभर
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
09 अक्टूबर 2023
#औरैया।
शहर में बंदरों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि नगर वासियों के अलावा राहगीरों, ग्राहकों, दुकानदारों के लिए भी गले की फांस बन चुकी है। अब तक बंदरों की हमले से अनगिनत लोग जख्मी हो चुके हैं, वहीं कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। यह बंदर कब किस पर हमला करदें कुछ कहा नहीं जा सकता है। स्कूल जाने आने में छात्र-छात्राएं भयभीत रहते हैं। पूरे शहर में बंदरों की आतंक की कहानी किसी से छिपी नहीं है। शहर के विभिन्न सरकारी कार्यालयों के परिसर में भी इनका जमावड़ा देखा जा सकता है। इतना ही नहीं इन बंदरों ने ग्रामीण अंचलों में भी बड़ी संख्या में पहुंचकर आतंक मचाना प्रारंभ कर दिया है जिससे ग्रामीण लोग भी हलकान हो रहे हैं। अपना उदर भरण करने के लिए बंदर छीना झपटी करते हैं। इसके अलावा घरों व दुकानों पर तोड़फोड़ करने में भी कोई को कसर नहीं छोड़ते हैं, जिससे शहर वासी काफी परेशान हैं। समय के रहते इन बंदरों को नहीं पकड़ा गया तो इनकी संख्या और अधिक अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाएगी जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बनेंगे।
शहर के मोहल्ला बनारसी दास सत्तेश्वर, पढ़ीन दरवाजा, गोविन्द नगर, वघाकटरा, परिहार टोला, शुक्लनटोला, मदार दरवाजा, विधीचंद, नरायनपुर, आर्य नगर, बदनपुर, रुहाई, गुरुहाई, गुमटी मोहाल, ब्रह्म नगर, तिलक नगर, ओमनगर, खिड़की साहबराय, भीखमपुर व दयालपुर के अलावा ग्रामीण अंचल समरथपुर भडारीपुर, भाऊपुर, सुरान आदि में पहुंच गये हैं। इसके साथ ही शहर के सरकारी कार्यालय तहसील परिसर, मॉडर्न कंट्रोल रूम, नगर पालिका परिषद, कोतवाली, मंडी समिति आदि में बहुतायत में फैले हुए हैं। इसके अलावा शहर की बाजरो महिला मार्केट, बताशा मंडी, सदर बाजार होमगंज, फूलगंज, नेविलगंज आदि में इन बंदरों का आतंक देखा जा सकता है। इसी के चलते शहर वासी बंदरों से काफी भयभीत रहते हैं। शहर में बंदरों का आतंक कितना बढ़ गया है कि लोगों का जहां एक को निकालना दुभर हो गया है वहीं दूसरी ओर दुकानदार एवं रेहडी खोमचा सब्जी व फल विक्रेता भी इन बंदरों से काफी परेशान है। दुकानदारों का कहना है कि पलक झपकते ही बंदर सामान की तोड़फोड़ के साथ काफी नुकसान कर देते हैं। छात्र-छात्राएं जब स्कूल जाते हैं तो वह काफी भयभीत व शसंकित रहते हैं। इसी के चलते बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं। बढ़ी हुई बंदरों की संख्या को लेकर पूरा शहर इनके आतंक से त्रस्त व परेशान है। अभी तक अनगिनत लोग बंदरों के हमले जख्मी हो चुके हैं। इतना ही नहीं राजमिस्त्री का काम करने वाले राजमिस्त्री व लेवर भी बंदरों के हमले से घायल हुए हैं एवं अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो चुकी है मोहल्ला बनारसी दास निवासी शिवकुमार जो की राजमिस्त्री का काम करता था वह शहर में एक निर्माणाधीन मकान में काम कर रहा था। तभी बंदरों ने अचानक हमला बोल दिया जिससे वह सड़क पर गिरकर घायल हो गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई, इस प्रकार की कई घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। उद्योग व्यापार मंडल (मिश्रा गुट) के जिला अध्यक्ष राजेश उर्फ बबलू बाजपेई, व्यापारी नेता संजय दीक्षित व शहर के संभ्रांत, वरिष्ठ एवं गणमान्य, जागरूक नागरिकों ने बंदरों को पकड़ने के लिए जिला प्रशासन से मांग की है।