उत्तर प्रदेश

प्राथमिक विद्यालय गढ़वा इस्माइलपुर में रसोईया चयन को लेकर बढ़ा विवाद

ग्लोबल टाइमस 7 न्यूज़ नेटवर्क रिपोर्ट
संजीव भदोरिया
लखना बकेवर

बकेवर इटावा । महेवा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय टड़वा स्माईलपुर में रसोईया चयन को लेकर उपजे विवाद ने प्राथमिक विद्यालय टड़वा की भी शिक्षा व्यवस्था और मध्यान्ह भोजन को प्रभावित कर दिया है। प्रकरण का आरंभ पिछले सत्र अप्रैल माह से उच्च प्राथमिक विद्यालय टड़वा में कार्य कर रही रसोईया मधु देवी और इंचार्ज प्रधानाध्यापक सरोज वर्मा के बीच झगड़े से हुआ। रसोईया मधु ने सरोज पर अभद्रता करने का आरोप लगा भोजन बनाने से मना कर दिया। लगभग बीस दिन भोजन न बनने के बाद सरोज वर्मा ने एक दलित वर्ग की महिला रूबी का रसोईया के लिये चयन कर लिया तो सामान्य,पिछड़े और एससी के बहेलिया वर्ग के बच्चों ने भोजन करना बंद कर दिया। जब विवाद अधिक बढ़ने लगा तो शिक्षा विभाग के हस्तक्षेप के बाद रूबी का चयन निरस्त किया गया और नये रसोईया का चयन कर प्रकरण को रफा दफा करने की बात कही। लेकिन प्रकरण और पेचीदा हो गया गांव के दलित वर्ग के लोगों ने कहा कि यदि उच्च प्राथमिक में दलित रसोईया नहीं रखा जायेगा तो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों स्कूल में हमारे बच्चे अन्य वर्ग के रसोईया का बना भोजन नहीं खायेंगे। गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय पहुंचकर हकीकत जानी तो शिक्षकों ने बताया कि 70 छात्र नामांकित है और आज 48 छात्र उपस्थित हैं।जिनमें से मात्र 22 छात्रों ने मध्यान्ह भोजन ग्रहण किया है और 24 छात्रों ने भोजन करने से मना कर अपने घर चले गये।यह भी बताया कि यह कोई नई बात नहीं है बीते कई महीनों से प्रतिदिन की यही दिनचर्या हो गई हो। भोजन बनाने से पूर्व शिक्षक द्वारा छात्रों से पूछना पड़ता है और उसी मानक से भोजन बनवाया जाता है। वहीं शिक्षक ने बताया कि जिस दिन मीनू में फल और दूध दिया जाता है उस दिन सभी छात्र भोजन करते हैं।जब से यह विवाद शुरू हुआ तभी से बच्चे आपस में जाति विशेष को लेकर झगड़ते रहते हैं जिस कारण बच्चों की शिक्षा चौपट हो रही है। इस समस्या के चलते गांव के कुछ अभिवावकों ने अपने बच्चों का प्रवेश प्राइवेट विद्यालय में करा दिया है। इस बारे में भोजन न करने वालों छात्रों से बात की लेकिन उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। शिक्षकों ने बताया इस प्रकरण से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में ऐसा कभी नहीं हुआ। शिक्षा के मंदिर को कुछ चुनिंदा लोगों ने जंग का मैदान बना दिया है इस मामले की गहराई से जांच कर इन हालातों के जिम्मेदार के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाये।
हमने इस प्रकरण में सुधार का प्रयास किया है और आगे भी अपने विभागीय अधिकारियों को भेजकर ग्रामीणों से वार्ता करेंगे और समस्या का समाधान किया जायेगा। डा.राजेश कुमार बीएसए इटावा।
फोटो1।प्रा.वि.टड़वा के बच्चे भोजन छोड़कर जाते हुये ।

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