उत्तर प्रदेशलखनऊ

बरौर कोतवाली क्षेत्र में दो पक्ष आये आमने-सामने

धार्मिक स्थल का नाम बदलने का आरोप लगाकर काटा हंगामा

प़शासन पूरी तरह से से मुसतैद

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात

भोगनीपुर

भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के ग़ाम
निगोही थाना बरौर जनपद कानपुर देहात पर गांव का एक स्थानीय धार्मिक स्थल(लगभग 100 वर्षों से/स्थानीय ग्रामीणों द्वारा चंदे से निर्मित) है, जिसमें गांव के ही लोग श्रद्धा रखते हैं । इसे गांव के स्थानीय मुस्लिम लक्खा शाह बाबा की मजार कहते हैं ।हिंदुओं द्वारा धार्मिक स्थल पर जाकर पूजा पाठ किया जाता है ।मुस्लिम धर्म के लोगों द्वारा धार्मिक स्थल पर जाकर चादरा भी चढ़ाए जाते हैं । कल साजिद पुत्र यासीन अली आदि 3/4 द्वारा स्थानीय थाना बरौर में यह शिकायत की गई कि उक्त स्थल पर अज्ञात हिंदू पक्ष द्वारा लख्खो बाबा का बोर्ड लगा दिया गया है । पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर कथित बोर्ड को हटवा दिया गया एवं इस स्थल पर किसी भी निर्माण अथवा परिवर्तन की मनाही की गई । स्थानीय पुलिस द्वारा एहतियाती कदम के रूप में शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु सीआरपीसी की धारा 151,107/116 के तहत कार्रवाई दोनों पक्षों के विरुद्ध की गई । प्रथम पक्ष नरेंद्र चतुर्वेदी पुत्र उमाशंकर -शिव प्रसाद पुत्र बाबूराम सनी पुत्र स्वर्गीय बबलू -लाला तिवारी पुत्र अवधेश -संजय त्रिवेदी पुत्र रामचरण द्वितीय पक्ष -साजिद पुत्र यासीन अली -यासीन पुत्र मुस्ताक अली शेखू पुत्र अजगर -सज्जाद अली पुत्र अकबर अली -अख्तर अली पुत्र मुस्ताक अली निवासी गण गांव । गांव की कुल आबादी 1500 है जिसमें 400 मुस्लिम 600 ब्राह्मण,संखवार -150, 25 कटियार 25 तेली 40 मुख्य रूप से आवासित है ।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में ग्राम निगोही के पूर्व प्रधान शशिकांत पांडे के नेतृत्व में 6/7 ग्रामीणों द्वारा दिनांक 30 अप्रैल 2022 को भोगनीपुर तहसील कार्यालय जाकर अपने गांव के पूजनीय लक्खा बाबा समाधि स्थल को गांव के ही 2/3 मुसलमानों द्वारा मजार व मस्जिद का रूप दिए जाने का आरोप लगाते हुए उक्त स्थल पर अतिक्रमण पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी। उसमें शिकायत की गई थी कि कुछ दिनों पूर्व यासीन पुत्र मुस्ताक उम्र करीब 55 वर्ष जो ड्राइवरी का काम करते हैं तथा इश्तियाक पुत्र मुस्ताक जो बरौर कस्बे में होटल चलाते हैं, के नेतृत्व में धीरे धीरे समाधि को मजार का रूप दिया जाने लगा, तथा उस पर पेंट से नूरी जामा मस्जिद बरौर लिख दिया गया । इस प्रकरण में पुलिस क्षेत्राधिकारी डेरापुर व प्रशासनिक भोगनीपुर उपजिलाधिकारी राजकुमार चौधरी द्वारा स्थल से नूरी मस्जिद का नाम मिटवा दिया गया था तथा दोनों पक्षों से किसी भी तरह के निर्माण अथवा परिवर्तन पर आपसी सहमति करा दी गई थी । तब से उस स्थल पर ना ही किसी तरह का बोर्ड है और ना ही किसी खास व्यक्ति की देखरेख में वह स्थल रहता है।

Global Times 7

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