सर्पदंश होने पर क्या करें क्या न करें !

जनपद में सर्पदंश से होने वाली घटनाओं के दृष्टिगत जनपद वासियों हेतु जारी दिशा-निर्देश “क्या करें क्या न करें”
ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
कानपुर देहात
5 जुलाई 2023
वर्तमान में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। आगामी तीन माह तक वर्षा होने की सम्भावना है। ऐसे मौसम में अक्सर वर्षा के कारण सर्प अपने बिलों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान ढूढ़ने के साथ स्थानीय घरों तक पहुंच जाते हैं। वर्षा काल में सर्पदंश की घटनायें ज्यादा घटित होते हैं यदि समस्त जनपदवासी बारिश के दिनों में सावधानी बरते तो सर्पदश की घटनाओं को न्यून किया जा सकता है। उपरोक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि इसके लिए
क्या करें।
०सर्पदंश होने पर कदापि न घबरायें।
०पीड़ित का हौसला बढ़ायें।
०सर्पदंश वाले स्थान को साफ पानी से धोएं।
०सर्पदंश वाले स्थान से ऊपर टुर्निकिट (पट्टी) ऐसे बांधे की पीडित का रक्त प्रवाह न रूके ।
०पीड़ित के शरीर से कसा वस्तु (घडी, चैन, अंगूठियाँ) पहन रखी हो तो निकाल दें।
०पीडित को यथासंभव स्थिर रखने का प्रयास करें।
०पीडित को निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र जाकर एटींवेनम इन्जेक्शन लगवायें।
क्या न करें।
०सर्पदंश की घटना घटित होने पर तांत्रिक के पास न जायें।
०सर्पदंश वाले स्थान पर ब्लेड या धारदार वस्तु से चीरा न लगायें।
०सर्पदंश वाले स्थान से मुंह लगाकर जहर निकालने की कोशिश न करें।
०पीडित को सोने न दें।
लक्षण ।
०सर्पदंश वाले स्थान पर जलन के साथ-साथ दर्द होना।
०रक्त का थक्का जमना ।
०काटे गये स्थान पर सूजन होना।
जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण कानपुर देहात द्वारा जनहित में जारी।