ब्लाक मुख्यालय परिसर शिवराजपुर जब स्वयं बन गया टापू,लाखों के टेंडर भरपूर हो रहे जारी!

ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क
प्रभाकर अवस्थी कानपुर।
जनपद का एक ऐसा विकासखंड जहां विकास कार्यों के लिए रोज़ाना लाखों के अनगिनत टेंडर व निविदाओं का प्रकाशन धड्डले से होकर सरकारी धन का खुलेआम बंटवारा हो रहा है,जो कि एक छुटपुट वारिश के मौसम में ब्लाक मुख्यालय परिसर से लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठक कमरों तक बरसाती गन्दा पानी व कस्बे की गलियों में बनी नालियों कीचड़ युक्त पानी हिलोरें भरता हुआ विकास खंड परिसर में पहुंच कर जिम्मेदार लोगों से अपने बंदोबस्त की गुहार लगाते हुए देखा जाना स्वाभाविक है, चुटकी लेते हुए लोगों का कहना कि विकासखंड परिसर में गन्दा पानी पहुंच कर मानौ जैसे भरपूर फिल्टर हो रहा है, मालूम हो कि विकासखंड शिवराजपुर की 65 ग्राम पंचायतों के अलावा लगभग आधा सैकड़ा से अधिक गांव व मजरों को अपने आप में विकास कार्य कराने की क्षमता रखता है,जहां विकास कार्यों के लिए हर साल व प्रति माह निरंतर लाखों के खर्च के टेंडर भी भरपूर जारी हो रहे हैं,जो कि विकासखंड शिवराजपुर कार्यालय से धड़ल्ले से विकास कार्यों का पैसा जारी भी होता चला आ रहा है,
वहीं विकास कार्यों हेतु पैसा आहरित करने व कराने वाले जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी भी टापू बने उस ब्लाक परिसर में भरे उस गंदे पानी से होकर आज भी गुजरने पर मजबूर हो रहे हैं, जहां ब्लाक मुख्यालय में पहुंचने वाले फरियादियों को अपनी फरियाद लेकर गंध युक्त टापू बने बरसाती पानी में से गुजरना पड़ता है । अफसोस लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी किसी का उस ओर ध्यान तक नहीं पहुंच पाया है, जबकि ब्लाक परिसर में ही क्षेत्र पंचायत प्रमुख अर्थात ब्लाक प्रमुख का भी जनसुनवाई कार्यालय भी खुला हुआ है, जो कार्यालय खोलकर अपना दरबार लगाते चले आ रहे हैं । दूसरी ओर मुख्य दरवाजे से होकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले डाक्टर,कर्मचारी भी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच कर मरीजों व तीमारदार का दवा इलाज करते हैं ! इतना सबकुछ होने के बावजूद भी आज बेचार विकास खंड शिवराजपुर मुख्यालय स्वयं कीचड़ युक्त पानी का टापू बना हुआ है। देखना होगा कि क्या किसी जिम्मेदार जिले के अधिकारी व शासन में बैठे हुए नेता जी की नजर इस ओर पहुंच सकेगी, और टापू बने ब्लाक मुख्यालय परिसर की समस्या का समाधान हो सकेगा ।