उत्तर प्रदेशलखनऊ

खुले में क़ुरबानी न करें-शहर काजी गुलाम अब्दुस्समद

क़ुरबानी न करके रक़म गरीबों में सदक़ा करना सरासर बातिल ख़्याल है

जीटी-70025, ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूँद।
26 जून 2023

#फफूँद,औरैया।

क़ाज़ी ए शहर औरैया मौलाना शाह सैय्यद गुलाम अब्दुससमद मियां चिश्ती नाज़िम ए आला जामिआ समदिया फफूँद ने क़ुरबानी से मुताल्लिक़ अपने जारी बयान में फरमाया कि आने वाले जुमेरात, जुमा और शनिवार को क़ुरबानी की जायेगी। क़ुरबानी हर आकिल व बालिग और साहिबे निसाब पे वाज़िब है क़ुरबानी के दिनों में रब की बारगाह में क़ुरबानी से बेहतर कोई दूसरा अमल मेहबूब नहीं है। लिहाजा खुशदिली के साथ क़ुरबानी करें कोशिश करें कि क़ुरबानी का जानवर कीमती तंदरुस्त व तवाना हो, कुछ लोग कहते हैं कि क़ुरबानी न करके इसकी रक़म गरीबों में सदक़ा कर दिया जाए ये सरासर बातिल ख़याल है।
उन्होंने कहा कि आप अपनी रक़म खाश से खूब सदक़ा करें मगर क़ुरबानी जो एक वाजिब हुक़्म है इसको मुकम्मल खुशदिली के साथ करें। उन्होंने फरमाया की क़ुरबानी रज़ा ए इलाही और हुसूल ए सवाब के लिए करें, दिखावे से परहेज करें।शिरकत वाली क़ुरबानी में अगर कोई माल हराम के जरिये या फिर कोई बद अक़ीदा शामिल होता है तो किसी की क़ुरबानी दुरुस्त न होगी, लिहाज़ा शिरकत वाली क़ुरबानी में खूब अच्छी तरह देख समझलें खुले में क़ुरबानी न करें बल्कि बंद जगह पर या फिर पर्दा लगाकर करें । क़ुरबानी के जानवर से निकलने वाली फ़ालतू चीजों और खून को ज़मीन में दफन कर दें नालियों या सड़कों में न बहाएं और क़ुरबानी के तस्वीर शोसल मीडिया बगैरह में हरगिज न डालें मुक़म्मल एहतियात रखें कि किसी तरह बदअमनी न फैलने पाए उन्होंने अपने बयान में फरमाया की घर मे जितने लोग मालिके निसाब हों इन सब की तरफ से अलग-अलग क़ुरबानी करनी होगी। एक क़ुरबानी सबके लिए काफी न होगी।

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