आक्रोशित लेखपाल संघ द्वारा 06 विन्दुओं के संदर्भ में दिया गया ज्ञापन

प्रशासनिक पक्षपात पूर्ण कार्यवाही से संघ छुब्द
उपजिलाधिकारी मैंथा द्वारा संज्ञानित कर जिलाधिकारी को किया प्रेषित
ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
18 अप्रैल 2023
# शिवली
कानपुर देहात, मड़ौली घटना के संदर्भ में प्रशासन द्वारा असत्य तथ्यों के आधार पर क्षेत्रीय लेखपाल अशोक चौहान के विरुद्ध की गई कार्यवाही से छुब्द एवं आक्रोशित उ० प्र०लेखपाल संघ से संबद्ध मैथा तहसील के अध्यक्ष नितिन बाजपेई की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में 6 बिंदुओं का प्रस्ताव पारित करते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी कानपुर देहात नेहा जैन को संबोधित करते हुए उप जिलाधिकारी महोदय मैथा जितेंद्र कटियार को सौंपा गया |
ज्ञापन में प्रमुख रूप से उल्लेख किया गया कि 15 जनवरी 2023 को थाना अकबरपुर में दर्ज की गई प्राथमिकी जिसमें आई. पी.सी.की धारा 147 तथा 188 के अंतर्गत आरोपियों के खिलाफ लिखाए गए आरोपों के संदर्भ में अब तक कार्यवाही किस कारण से नहीं की गई? इसी क्रम में 15 जनवरी 2023 को रूरा थाने में लेखपाल अशोक चौहान द्वारा लिखाई गई रिपोर्ट में भी अब तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही आरोपियों के विरुद्ध क्यों नहीं की गई ? जबकि झूठे तथ्यों के आधार पर की गई रिपोर्ट के परिपेक्ष्य में लेखपाल अशोक सिंह चौहान के खिलाफ कार्यवाही करते हुए विगत 2 माह से कारावासित कर दिया गया | प्रशासनिक पक्षपात कार्यवाही से लेखपाल संघ आक्रोशित है, एक ओर तों शासन अवैध कब्जों के खिलाफ मुहिम चलाकर अवैध कब्जों से मुक्त करा रहा है किंतु वहीं दूसरी तरफ नियमानुसार अपात्र होते हुए भी उसे जमीन आवंटित कर रहा है, शासन की यह दोहरी नीति कैसी?
राजस्व संहिता, की धारा 67(1) तथा 67(2) के अंतर्गत दिए गए प्रावधानों की उपेक्षा करते हुए तहसीलदार द्वारा केवल मौखिक आदेश देकर कार्यवाही करने का दबाव लेखपालों पर बनाया जाता है जो पूर्णतः अनुचित होते हुए असंवैधानिक भी है | इस ज्ञापन के माध्यम से संवैधानिक प्रक्रिया अमल में लाने की अपेक्षा की गई है | घटना के उपरांत लेखपाल अशोक सिंह चौहान पर हुए हमले में उनकी गाड़ी( कार )तथा शासकीय पपत्रों को क्षति पहुंचाया गया जिसकी प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोपियों पर कार्यवाही की जाए |
दिए गए ज्ञापन का सबसे अहम तथ्य यह है कि तहसीलदार द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट था कि नियमानुसार अतिक्रमणकर्ता अपात्र की श्रेणी में थे तो फिर इस घटना के बाद उक्त भूमि एवं कृषि भूमि का आवंटन उसे किस आधार पर किया गया ? घटना के समय की स्थिति पूर्णतया स्पष्ट है की आग स्वयं उस महिला ने लगाई थी किंतु दुर्भाग्यवश उसे बचाने में मां बेटी की जलकर मौत हो गई थी ,इस वास्तविकता को सभी उच्च अधिकारी भी जानते हैं तो फिर एक छोटे कर्मचारी को असत्य तथ्यों पर सजा क्यों दी गई ? उसने तो अपने अधिकारी के आदेश का अनुपालन किया था, आखिर उसके बच्चों और परिवार का क्या दोष जो उसे परिवार के सुख से वंचित किया जा रहा है?संघ पदाधिकारियों द्वारा न्याय किए जाने का निवेदन किया है | इस अवसर पर अध्यक्ष नितिन बाजपेयी ,अटल त्रिपाठी ,धर्मेंद्र तिवारी ,कामता प्रसाद, राज नारायण ,हर्षित त्रिपाठी ,लक्ष्मी सिंह, कल्पना सचान ,सूचित आदि लोग उपस्थित रहे |