जनपद में डॉ0 भीमराव आंबेडकर की धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाई गई 132वीं जयंती

संविधान सभागार कक्ष में जिलाधिकारी ने डॉ.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का किया अनावरण, अर्पित किए पुष्प
ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
कानपुर देहात
14 अप्रैल 2023
जनपद में भारत रत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाई गई।
उक्त कार्यक्रम के तहत कलेक्ट्रेट स्थित संविधान सभागार में जिलाधिकारी नेहा जैन द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र का अनावरण किया गया, इसके पश्चात उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए गए। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व जेपी गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रशासन केशव नाथ गुप्ता आदि अधिकारियों एवं पत्रकार बंधुओं व कर्मचारियों आदि ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने भारत का संविधान उद्देशिका को पढ़़कर सभी को शपथ दिलाई। जिलाधिकारी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के जीवन चरित्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता भीमाबाई थीं। बाबा साहब के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर लोगों को चलना चाहिए। उनके विचारों पर चलने से देश आगे बढ़ेगा। उनका विचार था कि सभी को समान अधिकार मिले और सभी लोग शिक्षित बने। उन्होंने कहा कि बाबा साहब की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, उनके बताए गए विचारों पर चलें।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने समाज को एक समान जोड़ने का कार्य किया है। भारतीय संविधान बनाने में बाबा साहब का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि उनका विचार था कि समाज में समता होनी चाहिए। सभी को बराबर का समान, अधिकार एवं न्याय मिलना चाहिए। डॉ. आंबेडकर जी का पूरा जीवन संघर्ष, सत्यनिष्ठा, लगन व वंचित वर्ग के प्रति करुणा का प्रतीक है। उन्होंने व्यक्तिगत जीवन मे अनेक बाधाओं व कष्टों को सहा किंतु कभी भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुए। सार्वजनिक जीवन मे उन्होंने अश्पृश्यता व भेदभाव का कड़ा विरोध किया। उन्होने कहा कि महापुरूषों के जीवन का अनुसरण करते हुए व्यक्ति को उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलकर देश, प्रदेश की तरक्की, खुशहाली के लिए अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।
इसके पश्चात अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व एवं प्रशासन द्वारा संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का देश में उनका बहुत बडा योगदान है। उन्होने कहा कि नारी शक्ति, शिक्षा, मताधिकार सहित आदि अधिकार दिलाने में उनका योगदान हैं। भारत एक विविधता भरा देश है और तत्कालीन समय मे यह अनेक विषमताओं से जूझ रहा था। ऐसी परिस्थिति में इन विविधताओं को स्वीकारते हुए अखंड राष्ट्र का निर्माण बहुत बड़ी चुनौती थी। लेकिन डॉ. आंबेडकर के नेतृत्व में प्रारूप समिति ने न सिर्फ इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया बल्कि एक ऐसे संविधान का निर्माण किया जो “विविधता में एकता“ जैसे भारतीय मूल्य का साकार रूप था। भारत को एक राष्ट्र के रूप में खड़ा करने में संविधान की अतुलनीय भूमिका है। इस मौके पर अधिकारीगण, कर्मचारीगण, पत्रकार बंधु आदि उपस्थित रहे।