अब होली पर कहीं नहीं उड़ते दिखते टेसू के रंग

बुरा न मानो होली है का जुमला सुनने पर भी लोग रंग खेलने से कतराते
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला ब्यूरोचीफ राम प्रकाश शर्मा औरैया।
औरैया। बुरा न मानो होली है का लोकप्रिय जुमला सुनने के बाद भी अब लोगों का गुस्सा ठंडा नहीं होता है, और लोग रंग खेलने से कतराते नजर आते हैं। साल भर में होली का त्यौहार आता है, लेकिन फिर भी लोग रंग खेलने से परहेज करते हैं रंगों से डरते हैं और रंग गुलाल देख कर भाग खड़े होते हैं। इसका प्रमुख कारण रसायन युक्त रंगों के प्रयोग से शरीर पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव भी प्रमुख वजह माना जाता है। पहले टेसू के फूलों से रंग बनाकर होली खेलने की परंपरा थी लेकिन अब टेसू के पेड़ भी विलुप्त से हो गये हैं। ऐसे में अब कहीं होली पर टेसू के रंग उड़ते नहीं दिखते हैं।
पहले होली के त्योहार पर लोग हंसी ठिठोली करते झूमते नाचते गाते एक दूसरे के गले मिलकर खुशियां बांटते और रंग गुलाल उड़ाते भंग की तंरग में मदमस्त नजर आते थे लेकिन तब प्राकृतिक फूलों से बनाए जाने वाले टेसू के रंग लोगों की होली की मस्ती में और चार चांद लगा देते थे किंतु अब टेसू के रंग खेलना गुजरे जमाने की बात हो गई है। बिधूना क्षेत्र के ग्राम कुसमरा के लगभग 98 वर्षीय पूर्व प्रधान राम स्वरूप सिंह सेंगर व लगभग शिवपुर बिकूपुर के पूर्व प्रधान लगभग 88 वर्षीय शिवमंगल सिंह सेंगर बताते हैं कि ढाक के पेड़ों में लगने वाले फूलों को टेसू का फूल कहा जाता था। होली के त्यौहार के नजदीक आते ही लोग टेसू फूल तोड़ कर अपने घर पर लाते थे और उन्हें एक बर्तन में भिगो कर रख देते थे, और एक-दो दिन तक फूल भीगने के बाद उन्हें निकाल लेते थे और महीन पीसकर निचोड़ लेते थे और इन्हीं फूलों से निकलने वाला रस ही रंग बन जाता था बाद में इसमें कुछ और खुशबूदार चीजें मिलाकर इस टेसू के रंग को बर्तनों में भरकर रख दिया जाता था और फिर होली पर इसी टेसू के खुशबूदार रंग की बौछारें होती थीं जिसमें लोग जमकर मदमस्त होकर होली के रंग खेलते थे लेकिन अब ढाक के पेड़ों की संख्या दूर-दूर तक नजर न आने से टेसू के रंग अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। अब हालत यह है कि अधिक मुनाफाखोरी के चक्कर में धंधेबाज स्वास्थ्य के लिए घातक रसायन युक्त रंग तैयार कर बेच रहे हैं और इसी के चलते लोग रंग खेलने से और भी परहेज करते हैं। आज भी ग्रामीण क्षेत्र में फाल्गुन के महीने में तमाम महिलाएं टेसू के फूलों की पूजा भी करती हैं लेकिन अब होली पर टेसू के रंग उड़ते नजर नहीं आते हैं।