गोवर्धन की पूजा देख इंद्र हुआ कुपित : संतोष शास्त्री

ग्लोबल टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क रिपोर्ट
संजीव भदौरिया
लखना बकेवर
इटावा । ब्लॉक महेवा के ग्राम टकरुपुर में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा के पंचम दिवस पर गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए आचार्य संतोष शास्त्री ने परीक्षित रामलखन तिवारी एवं माया देवी को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि नंद ग्राम के सभी नर नारी इंद्र भगवान की पूजा करने के लिए तैयारियां कर रहे थे पकवान बनाए जा रहे थे
तभी वालक वाल कृष्ण अपने साथियों के साथ आ जाते हैं और नन्द बाबा से पूछते है कि बाबा किसकी पूजा की तैयारी हो रही है तो नन्द बाबा ने बताया कि इन्द्र भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा की तैयारी हो रही है
तब वाल कृष्ण ने बाबा से गोवर्धन महाराज की पूजा करने के लिए कहा नंदग्राम के सभी नर नारी गोवर्धन भगवान की पूजा कर रहे थे तभी इंद्रदेव ने नाराज होकर भयंकर बारिश शुरू कर दी
भगवान कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गिरिराज पर्वत को धारण कर लिया इंद्र भगवान कुपित होकर और तेज बारिश कराने लगते है लगातार कई दिनों तक मूसलाधार बारिश होने से संपूर्ण ब्रज मंडल में हाहाकार मच गया
किंतु बालकृष्ण अपनी उंगली पर गिरिराज पर्वत को धारण किए रहते हैं इस प्रकार इंद्र को आभास हो गया कि स्वयं श्री हरि नारायण ने ब्रजमंडल में नन्द बाबा के यहां पुत्र रूप में अवतार लिया है भगवान इंद्र ने प्रकट होकर भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की
कथा श्रवण करने वालों में श्रीकृष्ण बाबू तिवारी,श्रवण तिवारी , राजेन्द्र बाबू त्रिपाठी, अश्विनी त्रिपाठी,अभिषेक, चंकी अग्निहोत्री, मोहित, लव, कुश, रवि तिवारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।