उत्तर प्रदेशखेत खलिहानप्रेरणालखनऊ

आईये आज बात करते हैं कि अपने आसपास उगने वाले फूलों से क्या लाभ है ——

कई बीमारियों मे रामबाण गेंदें का फूल

गेंदा के हैं अनेक अनसुने फायदे- डॉ विजय शंकर मिश्रा

ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
13फरवरी 2023

गेंदा (Marigold or genga) के फूल के कई नाम हैं। देश भर में लोग गेंदा को गुल्तोरा, कलग, लालमुरुगा, हजारा, मखमली आदि नामों से भी जानते हैं।
गेंदा के पीले-पीले फूल लगभग हर घर में पाए जाते हैं। यह जितना खूबसूरत होता है उतना ही यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, गेंदा के कई सारे औषधीय गुण हैं, और यह एक जड़ी-बूटी भी है। आप मोच आने पर, सूजन की समस्या और घाव में गेंदा के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। इसके अलावा आप, डायबिटीज, सुजाक और मूत्र रोग में भी गेंदा के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

इतना ही नहीं आंखों की बीमारी, नाक से खून बहने पर और कान दर्द सहित सांसों से संबंधित बीमारियों में गेंदा के औषधीय गुण के फायदा मिलता है। खांसी, हाथों-पैरों की त्वचा का फटने और चोट आने पर भी गेंदा से लाभ ले सकते हैं। आइए यहां गेंदा से होने वाले सभी फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं।

गेंदा क्या है?
गेंदे का पौधा अपने सुन्दर आकर्षक फूलों और पत्तियों के कारण जाना जाता है। इसके फूल से तेज खुशबू निकलती है, जिसकी वजह से घरों और बगानों में गेंदा के फूलों को लगाया जाता है। फूलों के रंगों में भिन्नता के अनुसार, गेंदा की कई प्रजातियां होती हैं, लेकिन इनमें जो मुख्य रूप से पाया जाता है, वे निम्न हैंः-
(1) हजारा (इसका फूल बड़ा होता है)
(2) सुरनाई
(3) कौकहान (लाल और पीले रंग के दलचक्र वाला)
यहां गेंदा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा में लिखी गई है ताकि आप गेंदा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

गेंदा के पौधे के औषधीय गुण गेंदा के आयुर्वेदीय गुण-कर्म एवं प्रभाव ये हैंः- गेंदा कटु, कषाय, तिक्त, शीत, लघु, रूक्ष और कफपित्तशामक होता है।

गेंदा के पौधे के फायदे और उपयोग
गेंदा के औषधीय गुण, प्रयोग की मात्रा एवं विधियां ये हैंः-

गेंदा के औषधीय गुण से आंखों की बीमारी का इलाज
गेंदे के फूल की कली को पीस लें। इसे आंखों के बाहर चारों तरफ लगाएं। इससे आंखों की बीमारी जैसे आंखों के फूलने आदि में लाभ होता है।

  • गेंदा के पत्ते के रस को आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से भी आंखों के रोग में लाभ होता है।
    नाक से खून बहने पर गेंदा के फायदे
    नाक से खून बहने पर भी गेंदा के पौधे के औषधीय गुण से फायदा मिलता है। इसके लिए 1 से 2 बूंद गेंदा के पत्ते के रस को नाक में डालें। इससे नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
    श्वसन मार्ग (सांसों की नली) की सूजन में गेंदा के फायदे
    सांसों की नलि में सूजन होने पर आप गेंदा से लाभ ले सकते हैं। गेंदा के पौधे से बने 15-20 मिली शीत-कषाय (ठंडे पानी में रात भर रखा गया रस) का सेवन करने से श्वसन नलि में सूजन होने में लाभ होता है।
    कान के दर्द में गेंदा के फायदे
    कान में दर्द हो तो गेंदा का औषधीय गुण फायदेमंद होता है। 2-2 बूंद गेंदा के पत्ते के रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है। खांसी में गेंदा के सेवन से लाभ
    खांसी के इलाज के लिए गेंदा के फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। गेंदे के फूल के बीजों की घुंडी (पुष्पधार Receptacle) का चूर्ण बना लें। 2-5 ग्राम चूर्ण में, 10 ग्राम शक्कर और एक चम्मच दही मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। इससे खांसी और सांसों के रोग में लाभ होता है।
    *महिलाओं के लिएफायदेमंद*
    स्तनों की सूजन में गेंदा का औषधीय गुण फायेदमंद
    महिलाएं स्तनों की सूजन की समस्या में गेंदा का उपयोग कर सकते हैं। गेंदे के पत्तों को पीसकर स्तनों पर लगाएं। इसके साथ ही इससे सिकाई करने से स्तनों की सूजन कम होती है।
    गेंदा के औषधीय गुण से बवासीर का इलाज
    बवासीर के उपचार के लिए भी गेंदा का प्रयोग फायदेमंद होता है। इसके लिए 10 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 ग्राम काली मिर्च को एक साथ पीस लें। इसे पीने से बवासीर में लाभ होता है।
  • 5-10 ग्राम गेंदा के फूल को घी में भूनकर दिन में तीन बार लें। इससे बवासीर में होने वाले रक्तस्राव या खूनी बवासीर में फायदा मिलता है।
  • गेंदे के पत्तों का अर्क निकालकर पिएं। इससे बवासीर में बहने वाला रक्त तुरन्त बंद हो जाता है। आप अर्क निकालने के लिए 250 ग्राम गेंदे के पत्ते और केले की दो किलो जड़ लें। इनको रात में पानी में भिगो दें और सुबह अर्क निकाल लें। इस अर्क को 15-20 मिली की मात्रा में सेवन करें।
  • 5-10 ग्राम गेंदा के फूल के रस को दिन में दो तीन बार सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
    गेंदा के औषधीय गुण से सुजाक का इलाज
    सुजाक के उपचार के लिए 10 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 ग्राम काली मिर्च लें। दोनों को एक साथ पीसकर पिएं। इससे सूजाक में लाभ होता है।

चोट-मोच-सूजन में गेंदा का औषधीय गुण फायेदमंद
गेंदे के पंचांग का रस निकालकर चोट-मोच और सूजन वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।

  • पत्ते के रस को लगाने से घाव और घाव से होने वाला रक्तस्राव बंद हो जाता है।
    बिवाई (हाथ-पैरों की त्वचा या एड़ियों का फटना) के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है गेंदा
    जब हाथ या पैर की त्वचा या एड़ी फट (बिवाई होना) जाए तो गेंदा से फायदा मिलता है। गेंदे के पत्तों का रस वैसलीन में मिलाकर हाथों-पैरों पर मलें। इससे बिवाई और हाथों-पैरों की खुश्की दूर होती है।

गेंदा के औषधीय गुण से फोड़े-फून्सी का इलाज
गेंदे के पत्तों को पीसकर फोड़े-फून्सी और घाव पर लगाने से आराम होता है। बवासीर के मस्सों पर भी लगाने से आराम मिलता है।

  • गेंदा के पत्ते को पीसकर गुनगुना करके लेप करें। इससे फोड़े-फुन्सी या डायबिटीज की अवस्था में होने वाले फोड़े-फुन्सी में लाभ होता है।
    मूत्र रोग (पेशाब का रुकना) में गेंदा के सेवन से लाभ
    गेंदे के 10 ग्राम पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार पिएँ। ने से रुका हुआ पेशाब खुलकर आ जाता है। उपाय करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
    मासिक धर्म विकार के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है गेंदा
    5-10 ग्राम गेंदा के फूल को घी में भूनकर दिन में तीन बार दें। इससे मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या बवासीर के दौरान रक्तस्राव की समस्या में फायदा होता है।
    वरटी (ततैया) के काटने पर गेंदा के फूल से लाभ
    ततैया ने काट लिया हो तो उसके डंक के असर को कम करने के लिए गेंदा का उपयोग लाभ दिलाता है। गेंदा के पत्ते को पीसकर डंक वाले स्थान पर लगाएं। इससे डंक के कारण होने वाला दर्द आदि दुष्प्रभाव कम हो जाता है।
    दांतों के दर्द में गेंदा के सेवन से लाभ
    20-30 मिली गेंदा के पत्ते के काढ़ा को दिन में दो बार कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे पथरी गलकर निकल जाती है। इस काढ़ा से कुल्ला करने से दांतों के दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
    गेंदा के पौधे के उपयोगी भाग
    गेंदा के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता हैः-
  • पत्ते
  • फूल
  • बीज
  • जड़
  • पंचांग
    गेंदा का इस्तेमाल कैसे करें?
    गेंदा को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिएः-
  • चूर्ण- 5-10 ग्राम
  • काढ़ा- 15-20 मिली

गेंदा के पौधे से नुकसान
गेंदा के सेवन से ये नुकसान हो सकते हैंः-
इसका अत्यधिक प्रयोग हानिकारक है। यह कामशक्ति को घटाता है।
यहां गेंदा के फायदे और नुकसान की जानकारी बहुत ही आसान भाषा (Marigold benefits and side effects in Hindi) में लिखी गई है ताकि आप गेंदा के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन किसी बीमारी के लिए गेंदा का सेवन करने या गेंदा का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

गेंदा का पौधा कहां पाया या उगाया जाता है
गेंदा के पौधे पूरे भारत में पाए जाते हैं। इसे घरों के बाहर या बाग-बगीजों में लगाया जाता है। इसकी खेती भी की जाती है।

डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां, टिप्स, सुझाव सामान्य जानकारी देने और सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इन घरेलू नुस्खों और खानपान की आदतों पर निर्भर रहने से पहले कृपया चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें

Global Times 7

Related Articles

Back to top button