किसानों के लिए सिरदर्द बने मवेशी दिन रात नुकसान पहुचा रहे है किसानों की फसल।

ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ उत्तर प्रदेश (प्रयागराज मेजा)
ओमप्रकाश विश्वकर्मा
प्रयागराज। मांडा क्षेत्र में सरकार ने गौवंश आश्रय स्थल केंद्रों का निर्माण करवाया । ताकि गोवंशों को केंद्रों के रखकर आम जनमानस की हानि हो रोका जा सके। लेकिन सभी केंद्र स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गए हैं। साथ ही केंद्रों को व्यवस्था भी कागजों तक समिति रह गई है। क्षेत्र के दिघिया, आंधी, लक्षन चौकठा, बरहा कला, टिकरी, धराव नारा, ढिलिया, मोनाई, उमापुर, उल्दा, चिलबिला सहित विभिन्न इलाकों में निराश्रीत मवेशी हादसे किसानों के लिए सिरदर्द बन कर रह गए हैं। किसानों द्वारा गेहूं कि खेती की गई फसलों को मवेशी दिन रात चट कर नुकसान पहुचा रहे हैं। किसान दिन के अलावा रतजगा कर रहे हैं। फिर फसलों को किसान नहीं बचा पा रहे। इसके अलावा मवेशी प्रयागराज मीरजापुर राजमार्ग पर राहगीरों के लिए दुर्घटनाओं का सबब बन हुए हैं। चिलबिला के जिला पंचायत सदस्य प्रमिल गादव ने बताया कि माह भर में मांडा से आंधी के बीच दर्जनों किसानों के लिए सिरदर्द बना छुट्टा पशु, अधिकारी बेखबर, अब तक हुए दर्जनों सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद स्थानीय अधिकारी कुम्भकर्णी नींद से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं नरवर चौकठा गांव के समाजसेवी जान बहादुर सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल बचने को लेकर किसान खेतों में अस्थाई झोपड़ी लगाकर कड़ाके की ठंड में रतजगा कर रहे हैं। फिर मवेशियों फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने बताया कि गांव में निराश्रीत मवेशियों के भय से गेहूं के अलावा सब्जी की खेतों को भी मवेशी चट कर रहे हैं। इससे आम जनमानस में जबरजस्त आक्रोश प व्याप्त है। मांडा क्षेत्र में गोवंश संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है। क्षेत्र के सभी निराश्रीत गोवंशों को जल्द ही गौशाले में पहुंचा दिया जाएगा। साथ ही किसानों सहित राहगीरों की समस्या भी दूर हो जाएगी।