गोण्डा आशा बहुओं का दबदबा कायम कर रही प्राइवेट अस्पतालों की दलाली!

मामला उठाने पर पत्रकारों को मिल रही धमकी!
Global times7 news network
गोण्डा में आशा बहुओं का दबदबा बरकरार कर रही प्राइवेट अस्पतालों की खुलेआम दलाली मामला उठाने पर पत्रकारों को मिल रही धमकी !
आपको बता दें कुछ दिनों पहले जिला महिला अस्पताल गोण्डा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ ब्रजेश पाठक का दोरा हुआ जिसमें सबसे ज्यादा शिकायत आशा बहुओं की सुनने को मिली अभी कुछ ही दिन बीते थे हाल ही में एक ऑडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है।
जिसमें एक पत्रकार रूबी अवस्थी को बाकायदा एक मेडिसन हॉस्पिटल के प्रबंधक हाकिम सिंह द्वारा खुले धमकी दी जा रही है।

ऑडियो में बार बार ऐसे असंवैधानिक शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है, की अस्पताल के पास दिखाई न देना, अगर दिखी तो ठीक नहीं होगा ,, और यहाँ तक सुना गया पत्रकार पर फर्जी मुकदमा पंजीकृत करवा देगा ! वायरल ऑडियो में जिला महिला अस्पताल में तैनात डॉ माधुरी त्रिपाठी का नाम लिया जा रहा है जिनका प्राइवेट अस्पताल चलता है जिसका नाम सहारा हॉस्पिटल है और उनके द्वारा भी मरीज वहां भेजे जाते हैं मेडिसिन हॉस्पिटल के प्रबंधक हाकिम सिंह द्वारा यह कहा जा रहा है उनको तो आप कुछ
निजी अस्पताल में प्रसव कराने वाली आशाओं की जांच शुरू
गोंडा जिला महिला अस्पताल में प्रसव कराने आई गर्भवती महिलाओं को बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल में ले जाने वाली आशा बहू

नहीं कह रहे हैं सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा ने जांच के लिए 2 सदस्य टीम गठित की है एसीएमओ डॉ एपी सिंह व डॉआदित्य वर्मा है
अब सवाल यह उठता है,,, पहली बात यह की क्या जो प्राइवेट हॉस्पिटल बने हुए क्या यह संबैधानिक व्यवस्था कानून से हटकर हैं, वहां कोई पत्रकार य समाजिक कार्यकर्ता नहीं जा सकते!
दूसरी बात अगर पत्रकार कोई मामला उठता तो उसको खुलेआम धमकी देकर उनकी आवाज को दबाया जाता है, उन पर भी पैसा लेने का छोटा सा आरोप लगा कर नियंत्रित कर खुलेआम भ्र्ष्टाचार का गंदा खेल खेला जाता है।
गोण्डा प्रशासन में वरिष्ठ पदों पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी भी सुर लय ताल में व्यस्त हैं ,,, दूर दूर तक इनकी कोई कार्यवाही आपको नहीं दिखेगी,, नेताओं की तो बात ही क्या करना पत्रकारों की आवाज को दबाने का सीधा सीधा संकेत गोण्डा की व्यवस्था जँगलराज में तब्दील होना है,, कुछ तथाकथित पत्रकार अपनी कलम बेंच कर सुर में सुर मिला रहे हैं,,वाह वाही बटोर रहे हैं,,,अगर ऐसा रहा वह दिन दूर नहीं जब पत्रकारिता सिर्फ फीता काटने वालों के फोटोग्राफर बन कर रह जायेंगे !
गोण्डा की व्यवस्था चंबल के बीहड़ जैसी होती जा रही है,,
कुछ अधिकारी कर्मचारी कार्य कर रहे पर वो दूर दूर तक नज़र नहीं आ रहे वो भी दबे कुचले से पड़े हैं!
आखिर यह सब कुछ कब तक चलेगा कब जागेंगे मुख्यमंत्री जी कब लेंगें यहाँ का हिसाब जनता सीधा बोल रही है,,, हमें बाबा से ना थी ऐसी उम्मीद बड़े उम्मीदों से चुना था दूसरी बार सरकार
लिख हम भी रहे धमकी हमें भी मिल सकती है,, लेकिन मैं उन समाज द्रोहियों से कहना चाहता हूँ जो कुछ तथाकथित पत्रकारों को लॉलीपॉप देकर मठाधीशी कर रहे हैं,,, असली पत्रकार जिस दिन कलम उठता है,, तो पिंड दान कर घर से निकलता है, इसलिए पत्रकार जायेगा तुम्हारी चोर बाजारी दिखाएगा पत्रकार आजादी दिला सकता है, सत्ता दिला सकता है,, तो सड़ी हुई व्यवस्था को भी उखाड़ कर फेंक भी सकता है,,,
पत्रकार समाज कल्याण समिति
प्रदेश IT सेल आलोक मिश्रा ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज नेटवर्क (उत्तर प्रदेश) लखनऊ