जनता बुनियादी सुविधाओं के अभाव में समस्याओं से परेशान
जिले के नेता समस्याओं से बेखबर कुंभकर्णी की नींद में सोए
सिर्फ चुनावों के समय ही जनता की याद आती है फिर हो जाते अंतर्ध्यान
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला संवाददाता राम प्रकाश शर्मा औरैया।
औरैया। जिले में आम जनता बुनियादी सुविधाओं के अभाव के साथ महंगाई समेत विभिन्न समस्याओं से कराह रही है, किंतु इसके बावजूद जनता का सबसे बड़ा हितैषी होने का दावा करने वाली सत्ताधारी पार्टी व विपक्ष के नेता इन दिनों जनसमस्याओं से बेखबर कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं को सिर्फ चुनावों के समय ही जनता की याद सताने के नेताओं के मायाजाल से अब पर्दा उठ जाने से नेताओं के छलावा से ऊब चुकी जनता में राजनैतिक दलों के नेताओं के प्रति नाराजगी भड़कने लगी है, यदि यही हालत रही तो आगामी चुनावों में जिले में राजनीतिक दलों को जनता की नाराजगी का खामियाजा भुगतने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इन दिनों औरैया जिले में अधिकांश खराब सड़कों माइनरों में सिंचाई के लिए टेल तक पानी ना पहुंचने खाद की भारी किल्लत होने भीषण सर्दी से जूझ रहे गरीबों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त अलाव न जलाए जाने जैसी प्रमुख समस्याओं के साथ महंगाई की मार से तबाह जनता बुरी तरह कराह रही है, किंतु इसके बावजूद जिले के सत्ता पक्ष के नेताओं की कौन कहे विपक्षी दलों के नेता भी इन समस्याओं से पूरी तरह बेखबर होकर कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। पिछले दिनों नगर निकाय चुनाव होने की भनक लगते ही सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी दलों के नेता भी अचानक सक्रिय हो गए थे किंतु जैसे ही पहले घोषित की गई चुनाव प्रक्रिया का मामला उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उच्चतम न्यायालय में ले जाया गया है उससे स्थानीय निकाय चुनाव प्रक्रिया फिलहाल अधर में लटक गई है और इस मामले के जानकारों का मानना है, कि यदि आयोग द्वारा ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण के लिए सर्वे किया गया तो यह चुनाव लगभग 1 वर्ष तक भी टलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है हालांकि यह सब उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर होगा। फिलहाल चुनाव टलने की संभावना के चलते सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी दलों के नेताओं की सक्रियता भी अचानक थम सी गई है। यही नहीं पिछले कई वर्षों से नेताओं के खोखले वादों के झांसे में आकर छलावे का शिकार होती रही जिले की जनता आमतौर पर यह कहते नहीं थक रही है कि जिले के लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को सिर्फ चुनावों के समय ही जनता की याद आती है और चुनाव जीतने हारने के बाद वह सभी ब्रह्म की तरह अंतर्ध्यान हो जाते हैं और जनसमस्याओं से उनका कोई सरोकार नहीं रहता है लेकिन अब जनता भी जागरूक हो गई है और उसे अपने भले बुरे का ज्ञान है ऐसे में आगामी चुनावों में झूठे वादे करने वाले नेताओं को वह लोग भी सबक सिखाने में नहीं चूकेंगे।