उत्तर प्रदेशलखनऊ

जागरूकता से कीट एवं बीमारी से बचाया जा सकता

आलू की कुछ प्रमुख बीमारियों एवं कीटों की प्रबंधन विधि

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, दिबियापुर संवाददाता प्रवीण राजपूत।

दिबियापुर,औरैया। आलू की फसल में आने वाली प्रमुख बीमारियों एवं कीटों की रोकथाम के लिए जनपद औरैया के गांव- गुवारी, विकासखण्ड अछल्दा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पौध संरक्षण विशेषज्ञ अंकुर झा ने बताया कि किसान भाई अपनी आलू की फसल में बीमारियों एवं कीटों की रोक थाम के लिए निम्नलिखित उपाय करें। जिससे आलू की फसल में बीमारियों एवं कीटों का प्रकोप न होने पाये।
आलू की फसल में अगेती झुलसा रोग की रोकथाम के लिए खाद व पानी को रोक कर कार्बेन्डाजिम और मैंकोजेब को 30 ग्राम एवं स्ट्रेप्टोसेसिक्लिन 2.5 ग्राम को 15 लीटर पानी मे घोलकर सांयकाल के समय छिड़काव करें। आलू की फसल में पछेती झुलसा रोग की रोकथाम के लिए खाद वह पानी को रोक कर सिमोक्सानिल और मैंकोजेब को 30 ग्राम एवं स्ट्रेप्टोसेसिक्लिन 2.5 ग्राम को 15 लीटर पानी में घोलकर सांयकाल के समय छिड़काव करें। आलू की फसल में तना गलन रोग की रोकथाम के लिए खाद वह पानी को रोक कर सांयकाल में टूबेकोनाजोल नामक दवा को 30 ग्राम को प्रति 15 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें और आलू की फसल में (मोजेक वायरस) एफिड चूसक कीड़ों की वजह से फसल में फैलता है अगर इसका प्रकोप हो गया है तो इसके लिए बेहतर यही रहता है कि जिस पौधे में इसका प्रकोप हो उसे उखाड़ कर नष्ट कर दे और समय-समय पर कीटनाशक डायमिथोएट को 30 मि. लि को 15 लीटर पानी में घोलकर सांयकाल के समय छिड़काव करें या थायमेथोक्सम 250 ग्राम./एकड़ की दर से प्रयोग करें।
आलू की फसल में (स्टेम बोरर/ जड़ की सूड़ी) की रोकथाम हेतु समय-समय पर कीटनाशक रीजेंट दवा को 8 से 10 किलो ग्राम को शायंकाल के समय छिड़काव करें।

Global Times 7

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