उत्तर प्रदेशलखनऊ

करोड़ों की योजना को पलीता लगा रहा कौन-नगर को सीएम के स्थलीय निरीक्षण की दरकार

नगर निगम बनने के बाद आधे जनपद में सफाई कर्मी भी आने बंद अधिक तर कूड़े सड़को पे ही


प्रवीण मिश्रा
GLOBAL TIMES-7NEWS
Mathura


मथुरा । उत्तर प्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर मथुरा आ रहे हैं। जनपद में आपका बहुत स्वागत है, निश्चित तौर पर यहां आपके आते रहने से धर्म परायण जनता को सुकून का एहसास होता है कि एक धर्म परायण योगी उनके प्रदेश का मुखिया है। लेकिन राज्य के मुखिया सहित देश की मुख्य पार्टी के मुख्य नेता इस वक्त शायद सब कुछ भूल कर सिर्फ और सिर्फ सत्ता की राजनीति करने में जुटे हैं। एक पार्टी है, जिसका एक प्रधानमंत्री है, जिसका यह सपना है कि उसे देश के युवाओं को विकसित भारत सौंपना है। लेकिन यह विकसित भारत सौंपने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के पास है, वह जनता के साथ क्या कर रहे हैं, यह देखने की फुर्सत किसके पास है। उन्हें एक आवेदन कर्ता से 100 व्यक्तियों की भीड़ की खुद आस है।


यह सच्चाई है कि अधिकारियों की उदासीनता और एजेंसियों की लापरवाही के चलते करोड़ों की गंगा जल पाइप लाइन परियोजना की गुणवत्ता को पलीता लग रहा है, मौके से यह स्पष्ट दृष्टिगोचर है और इसे किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय लोगों की कितनी परेशानियों का सामना कर रहे होंगे, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
मथुरा-वृन्दावन महानगर में केन्द्र और राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना हर घर जल के तहत मथुरा-वृन्दावन के विभिन्न क्षेत्रों में मीठे पानी की आपूर्ति के लिए कार्यदायी संस्था जल निगम द्वारा पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें गुणवत्ता का पूर्ण अभाव है। यह जल निगम और नगर निगम अधिकारियों के आपसी तालमेल के अभाव का परिणाम है। जल निगम द्वारा कार्य पूरा करके नगर निगम को हैंड ओवर किया जाना है। वर्तमान में करोड़ों रुपए की परियोजना लेवर के ज्ञान पर चल रही है, कोई कार्य समय से पूर्ण नहीं किया जा रहा है। ना तो कनैक्शन कायदे से किए जा रहे हैं और ना ही पाइप लाइन मानक के अनुरूप डाली जा रही है।
जल निगम तो सदियों से सबको पानी पिलाता आया है उसे भला कब, कौन पानी पिला पाया है और उसने भला शहर की कौन सी सड़क को गड्ढा युक्त नहीं बनाया है?
शहर की कॉलोनियों के साथ हृदय स्थल क्षेत्र में चल रहे कार्यों में शिथिलता से स्थानीय पार्षद और छोटी-छोटी गलियों में निवास करने वाले नागरिक परेशान हैं। वर्तमान में नगर निगम के पास शहरी क्षेत्र में लाइन बिछाने के लिए फंड का अभाव था। इसलिए जिन क्षेत्रों में सड़क निर्माण होना है, उन क्षेत्रों में सड़क निर्माण से पूर्व पाइप लाइन बिछाने का कार्य जल निगम की गंगा जल परियोजना के माध्यम से कराने का निर्णय महाप्रबंधक जल कल और नगर आयुक्त द्वारा लिया गया, जिसका कार्य दीपावली से पूर्व प्रारम्भ किया गया, लगभग दो माह होने को हैं। लेकिन जल निगम अधिकारियों की घोर उदासीनता एवं ठेकेदार के भरोसे चल रही परियोजना का एक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है। स्थानीय पार्षद रामदास चतुर्वेदी के अनुसार उनके द्वारा नगर आयुक्त सहित सभी सम्बन्धित अधिकारियों को बार-बार वास्तविकता से अवगत कराया जा रहा है। लेकिन करोड़ों रुपए की परियोजना पूर्ण उदासीनता और लापरवाही के कारण गुणवत्ता खो रही है, जिसके परिणाम क्या होंगे, बताने की जरूरत नहीं है, सभी के जेहन में आ गया होगा कि भविष्य में इसका क्या दुष्परिणाम सामने आएगा। क्या इसी
विकसित भारत का सपना हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देख रहे हैं। अरे हां याद आया अपने सीएम सर तो जल्द ही 13 दिसम्बर को मथुरा भी आने वाले हैं। लेकिन उनका ध्यान शायद ही इस ओर जाए। वैसे भी तो वे चुनावी तैयारियों के लिए यहां आ रहे हैं। इन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने थोड़े आ रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। वह चाहें तो ऐसा कर भी सकते हैं क्योंकि यह कार्य स्थल उनके प्रबुद्ध सम्मेलन स्थल से कुछ ही दूरी पर शहर के हृदय स्थल होली गेट क्षेत्र में स्थित है। यदि योगी जी यहां आते हैं तो निश्चित तौर पर इस शहर के लोग उन्हें सर आंखों पर ही बिठाएंगे। उन्हें तो मलाल ही इस बात का है कि योगी जी बाहर ही बाहर आकर चले जाते हैं, कभी यमुना पर नहीं आते, कभी द्वारकाधीश के दर्शन नहीं करते।
जहा एक और मोदी-योगी देश और प्रदेश पर भाजपा का एकाधिकार करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हीं की मशीनरी है कि उनके सारे किए धरे पर पानी फेरने में लगी पड़ी है।
यह जमीनी सच्चाई है कि मथुरा में गंगा जल पाइप लाइन पेयजल योजना बीरबल की खिड़की साबित हो रही है। शहरी क्षेत्रों में इन लाइनों को वर्तमान में संचालित उपलब्ध नलकूपों से जोड़ कर चालू किया जाना है, स्थानीय पार्षद सड़क निर्माण से पूर्व इन लाइनों को चैक कराकर ही सड़क निर्माण कराने के लिए अधिकारियों से कह रहे हैं, शीर्ष नेतृत्व सहित सभी अधिकारियों को विषय का संज्ञान करा दिया गया है। लेकिन पूर्ण उदासीनता से सुख को कियो स्नेह दुख दूनौ ठाढ़ो भयो जैसी स्थिति बन गई है, समय रहते इस परियोजना पर अधिकारियों ने इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया तो आगामी निकाय चुनाव में केन्द्र और राज्य सरकार की परियोजनाओं द्वारा कराए जा रहा कार्यों पर प्रश्न चिन्ह उठने लगेगा और अधिकारियों की कार्यशैली से भाजपा नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को जवाब देना मुश्किल हो जायेगा।

Global Times 7

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