उत्तर प्रदेशलखनऊ

साहित्य भारती के 28 वें कवि सम्मलेन में कुमार विश्वास की कविताएं सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

ग्लोबल टाइम 7
न्यूज नेटवर्क
उन्नाव से
फुन्नी प्रसाद त्रिपाठी

28 वें वार्षिकोत्सव पर उन्नाव राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में साहित्य मंच का आयोजन किया गया । जिसमें श्रृंगार हास्य वीर जैसे रसों में विशेषज्ञ रखने वाले कवि कुमार विश्वास के अलावा अन्य कवियों ने समाज में फैली कुरीतियों पर अपनी कविताएं प्रस्तुत की । जिसे सुन वहां मौजूद लोग पूरी रात गुदगुदाते रहे । वहीं कुमार विश्वास की कविताओं पर लोगों ने खूब तालियां बजाई । साहित्य भारती संस्था द्वारा 28 वार्षिकोत्सव के अवसर पर एमएलसी अजीत सिंह व साहित्य भारती के संस्थापक स्वर्गीय अतुल मिश्र की स्मृति शेष पर सोमवार को उन्नाव राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में साहित्य का मंच सजाया गया । जहां प्रख्यात कवि कुमार विश्वास के अलावा हेमंत पांडे गजेंद्र प्रियांशु डॉ सुमन दुबे रमेश मुस्कान दीपक प्रधान,अस्तोष सिंह प्रधान,

हिमांशु सिंह, रजत सिंह, सौरभ , शिवम, शुभम व डॉक्टर अखिलेश मिश्र पहुंचे । साहित्य का मंच की शुरुआत सर्वप्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष शकुन सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई जहां कवियों ने समाज में फैली कुरीतियां राजनीतिक भारत माता पर एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ किया जिसे सुन मौजूद श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई रात के समय प्रख्यात कवि कुमार विश्वास जैसे ही कविता पाठ करने के लिए माइक पकड़ा । वैसे ही वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया । जिसके बाद उन्होंने जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं कई खूवाहिश तो दिल ही दिल में पूरी छूट जाती हैं , जुदाई में तो मैं उससे बराबर बात करता मुलाकातों में सब बातें अधूरी छूट जाती हैं । जो मैं या तुम समझ लें वो इशारा कर लिया मैंने भरोसा बस तुम्हारा था तुम्हारा कर लिया मैंने लहर है हौसला है रब है हिम्मत है दुआएं हैं किनारा करने वालों से किनारा कर लिया मैंने । देर रात उन्होंने जैसे ही कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है मैं तुझसे दूर कैसा हूँ मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है जिसे सुन वहां मौजूद लोगों ने खूब तालियां बजाई । इस दौरान कुमार विश्वास ने रामायण और महाभारत की भी जानकारी दी ।

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