कानपुर देहात का नया नाम होगा ग्रेटर कानपुर !

अधिनस्थों को लिखा पत्र , आवश्यकता एवं औचित्य पर जनप्रतिनिधियों से की जायेगी
ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला प़शासनिक संवाददाता
कानपुर देहात
प्रोविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से कानपुर देहात के स्थान पर ग्रेटर कानपुर नाम दिए जाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एक पत्र पेश किया गया है जो भाजपा की ओर से जनपद प्रभारी मंत्री अनिल राजभर को प्रेषित है। इस पत्र को प्रेषित करते हुए जिला संयोजक प्रवीण शर्मा ने सरकार से मांग की है कि जिले के नाम में देहात जुड़ा होने के कारण अनेक बार बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां निवेश करने से दूर भागती हैं, उनकी मान्यता है कि यह कानपुर नगर का कोई बहुत ही पिछड़ा एवं अविकसित क्षेत्र है जहां औद्योगिक इकाइयों के लिए कोई कोई संभावना नहीं है।
श्री प़वीण शर्मा ने पत्र में प्रदेश सरकार को जानकारी देते हुए कहा है कि यहां 2000 से अधिक औद्योगिक आस्थान है और दो राष्ट्रीय राजमार्ग कानपुर झांसी एवं कानपुर दिल्ली इस जनपद को प्राप्त हैं इतना ही नहीं अभी हाल ही में जनपद को चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु पर्याप्त धन स्वीकृत किया गया है और उस पर काम चल रहा है। इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, 50 शैया से सुसज्जित आयुष चिकित्सालय इस जनपद की शोभा है और आवश्यकता पूर्ति करने वाले भी साबित हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1981 में जनपद कानपुर देहात का अस्तित्व उस समय आया था जब कानपुर नगर में हर तरह का दबाव अनुभव किया जा रहा था और तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इसे कानपुर देहात के नाम से अलग जिला बना दिया। हालांकि जन भावनाओं का आदर करते हुए बहुजन समाज पार्टी की सरकार में इसे रमाबाई नगर नाम दिया गया किंतु समाजवादी सरकार आते ही वह फिर कानपुर देहात में बदल गया। बताते चलें कि अभी कुछ माह पूर्व क्षेत्रीय जनों की भावनाओं को लेकर अहिल्याबाई होलकर विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय कुमार गुप्ता ने भी शासन को पत्र लिखा था कि कानपुर देहात की जगह ग्रेटर कानपुर कर दिया जाए।
पता चला है कि प्रभारी मंत्री अनिल राजभर ने जब यह पत्र कैबिनेट में रखा तो इस पत्र के संबंध में जिलाधिकारी कानपुर देहात को लिखा गया कि वह इसके संबंध में अपनी आख्या अविलंब प्रस्तुत करें और इसी क्रम में जिलाधिकारी नेहा जैन ने अपने अधीनस्थों को पद प्रेषित करते हुए अपेक्षा की गई है कि इस संबंध में अपने विस्तृत आख्या प्रस्तुत करें साथ ही समाज के गणमान्य व्यक्तियों एवं जनप्रतिनिधियों से वार्ता करके नाम परिवर्तन के औचित्य एवं आवश्यकता पर चर्चा की जाए।