उत्तर प्रदेशलखनऊ

ग्राम पंचायतों से लगभग 37000 सरकारी हैंडपंपों का होगा एक एक व्यौरा होगा तलब

कभी बिक गये कबाड़ भाव हैंडपंप निकल सकते है अब कागजों पर, गांवों में ठूंठ पडें हैंडपंप अब हो सकते सीधे !

ग्राम पंचायतों से लगभग 37000 सरकारी हैंडपंपों का होगा एक एक व्यौरा होगा तलब

डीपीआरओ कमल किशोर ने लिया संज्ञान, रिपोर्ट के आधार पर होगी अग्रिम कार्रवाई!

ALOK MISHRA
Global Times7 News Network Lucknow Uttar Pradesh

कहीं कागजों पर रिबोरिंग,कहीं गायब हो गये हैंडपंप,कहीं समरसेबल डाल कर प्रयोग में लाये जा रहे सरकारी हैंडपंप,तो कहीं कागजों पर एलाटमेंट हुए सरकारी हैंडपंप , जमीन तक पहुंचते पहुंचते कबाड़ के भाव भी बिक गये, ऐसे सभी सरकारी हैंडपंपों की लिखा पढ़ी होगी, और बार बार रिबोर का कार्य दिखा कर पंचायत निधियों से पैसा उड़ानें वाले लोगों के प्रति कार्यवाही भी सकती है,
विदित हो कि कानपुर जनपद के 10 ब्लाकों की 590 ग्राम पंचायतों में पंचायती राज विभाग द्वारा बांटे गए सरकारी हैंडपंपों लिखा पढ़ी और उनके वास्तविक स्थिति का परिक्षण किये जाने का प्रावधान डीपीआरओ कार्यालय द्वारा जारी किए जाने वाले आदेश की सम्भावना होने वाली है।
गांवों में जमीन में गड़े सरकारी हैंडपंप विगत कई वर्षों से सिर्फ अपने बही खातों के पन्नों से कागजी कोरम पूरा होने का शिकार हो रहे हैं, प्रायः देखने में यही मिलता है कि सरकारी हैंडपंप या तो ठूंठ पड़े हैं, या फिर बार पंचायत निधि से मरम्मती करण के कार्य में धन निकासी होने के शिकार हो गये हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में तो अधिकतर देखने में आता है कि सरकारी हैंडपंप से गांवों के दबंग क़िस्म के लोगों ने अपनी समरसेबल डाल कर उसे अपने आधिपत्य में कर लिया है इसके अलावा सरकारी हैंडपंपों से समरसेबल के माध्यम से जानवरों को नहलाने का प्रयास किया जा रहा है, और गांवों के अन्य गरीब ग्रामीण बूंद बूंद पानी के लिए तरह जाते हैं, कहीं कहीं तो सरकारी हैंडपंप विभागीय अधिकारियों के कार्यालयों से तो आये लेकिन कबाड के भाव में बिक गये, किसी किसी गांव में प्रधान व सचिवों के द्वारा हैंडपंपों का मरम्मत कार्य तो हुआ लेकिन वह सिर्फ कागज पर ही हो गया और आज तक अपनी जगहों पर ठूंठ पडें रह गये, और पैसा भी हजम हो गया।
जहां ग्रामीण सूत्रों की मानें तो प्रधान और सचिव की मिलीभगत से कबाड़ की कभी भी नीलामी नहीं की गई । उसे प्रधान अपने ही सरकारी कबाड़ को निजी प्रयोग में प्रयोग कर रहे हैं,
प्रधानों द्वारा कबाड़ की नीलामी शायद ही प्रधानों ने की हो और उसकी रसीद सरकारी अभिलेखों में भी आज तक दर्ज हैं । बहुत से दबंग क़िस्म के लोगों ने
बहुत से हैंडपंपों पर अपना आधिपत्य स्थापित करते हुए अपने मकानों के अंदर भी कर लिए हैं , जो एक प्रकार से शासन व प्रशासनिक अधिकारियों के लिए कार्यवाही हेतु एक चुनौती भी साबित हो सकती है ।

डीपीआरओ कमल किशोर बोले मामला गंभीर, होगी अवश्य ही रिपोर्ट तलब !

इन सभी विषयों को लेकर जब पंचायती राज विभाग कार्यालय जिला पंचायत राज अधिकारी कमल किशोर से ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क टीम द्वारा जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बताया कि जनपद में पंचायत निधियों से ग्राम पंचायतों में लगभग 37000 सरकारी हैंडपंप लगवाये गये हैं, जहां गांवों में लोगों को पीने के शुद्ध जल आसानी से मिल सके, मामला गम्भीर है , यदि रिबोर दिखा कर पंचायत निधियों से कई बार धन निकासी का कार्य किया गया, सरासर ग़लत व अनुचित है, गांवों में सरकारी हैंडपंपों में तो समरसेबल मशीन डाल पानी निकासी किये जानकारियां अक्सर प्राप्त होती रहती है, जो भी ऐसे कार्यों में संलिप्त होगा वैधानिक कार्यवाही अवश्य ही सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा, जल्द ही जनपद सभी ब्लाकों से सरकारी हैंडपंप की रिपोर्ट मंगवाई जाएगी, मामले में कार्यवाहियां अवश्य ही की जायेगी,

Global Times 7

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