उत्तर प्रदेशलखनऊ

अब गरीबों की पहुंच से दूर हुई खादी !

खास खबर-

गांधी जी का सपना खुद कातो, खुद पहनो बेमानी

जीएसटी लगने के बाद से और हुई महंगी
16 अक्टूबर
अवध दीक्षित मुख्य न्यूज एडीटर जीटी-7
कानपुर परिक्षेत्र (कानपुर)। गरीबों के लिए वरदान कही जाने वाली खादी अब उनकी पहुंच से दूर होकर सिर्फ अमीरों के चोंचले बनकर रह गई है। जिससे गांधी जी का खुद कातो खुद पहनो का नारा भी बेमानी साबित हो रहा है। वहीं, खादी उत्पादों पर जीएसटी लगाए जाने के बाद यह आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है। इधर, अक्टूबर के महीने से लेकर दिसंबर तक मिलने वाली छूट भी घटा दी गई है।


घाटमपुर कस्बा स्थित स्वराज आश्रम खादी भंडार के प्रभारी कमलेश चंद्र द्विवेदी और गणेश सेवा आश्रम खादी भंडार के प्रबंधक अनिल मिश्रा ने बताया कि गांधी जयंती के मौके पर केंद्र और प्रदेश सरकारों द्वारा खादी उत्पादों पर विशेष छूट की घोषणा की जाती थी। जिसके तहत अभीतक सूती खादी और ऊनी खादी उत्पादों पर 30 प्रतिशत जबकि रेशम कतान और पकान 25 फीसदी छूट निर्धारित थी। लेकिन खादी उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के बाद जहां 1000 रुपए तक की खरीद पर 5 फीसदी जीएसटी लागू की गई है। वहीं 1000 रुपए से ऊपर की खरीद पर 12 फीसदी जीएसटी ग्राहक को देनी पड़ रही है।
बताया कि कच्चे माल की महंगाई के चलते खादी के उत्पाद पहले से ही महंगे हो रहे थे। लेकिन जीएसटी के दायरे में लाए जाने के बाद अब और महंगे हो गए हैं। वहीं छूट भी घटा दिए जाने के बाद खादी अब आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई है।
स्वराज आश्रम के प्रभारी कमलेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि हमारे देश में स्वाधीनता आंदोलन के दौरान सन 1938 में खादी आंदोलन शुरू किया गया था। जिसमें महात्मा गांधी ने लोगों को खुद कातो खुद पहनो का नारा दिया था। जबकि, पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने खादी उत्पादों पर 35% की घोषणा की थी।
लेकिन इसके बाद आई सरकारों ने इसे घटाकर 30 और 25% कर दिया था। बताया कि खादी उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने के बाद वर्तमान केंद्र और प्रदेश सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर के बीच 3 महीने दी जाने वाली छूट में सीधे 10 फीसदी की कटौती कर दी है। जिसके चलते खादी भंडारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। बताया कि बिक्री सिमट गई है। यदा-कदा कोई खादी का शौकीन या कोई अमीरजादा ही दुकान पर खादी के कपड़े खरीदने का साहस कर रहा है। जिसके चलते दुकानों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
फोटो- खादी की दुकान में पसरा सन्नाटा और लगा छूट का बोर्ड।

Global Times 7

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