उत्तर प्रदेशलखनऊ

निराकार ही परमात्मा है निराकार की प्राप्ति से आत्मा का परमात्मा का हो जाता है मिलन –संत जय नारायण


ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
सचिन शुक्ला
भोगनीपुर
संत निरंकारी मिशन कानपुर जोन के ब्रह्म ज्ञानी महात्मा प्रचारक जय नारायण ने कहा कि निराकार की प्राप्ति हो जाने पर आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है। जीव के सामने निराकार साकार रूप में खड़ा हो तो उनके सानिध्य का जीवन पर असर पड़ता है। निराकार ही परमात्मा है ।
महात्मा जय नारायण बुधवार को रामलीला ग्राउंड पुखरायां स्थित राम चबूतरा में संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक सत्संग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ईश्वर परमात्मा निराकार को देखकर व जानकर भक्ति करना सार्थक हैं ।सतगुरु ने भी प्रेम का संदेश दिया है निराकार की प्राप्त हो जाने पर आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है ।निराकार गुरु की ही कृपा से परमात्मा की प्राप्त होती है ।निराकार की प्राप्त होने से आनंद की अनुभूति होती है। प्राणियों के कल्याण के लिए जितने भी महापुरुष पीर पैगंबर अवतरित हुए हैं सभी ने प्रेम का संदेश दिया है । संतगुर की कृपा होने पर भक्तों के लिए अनंत भौतिक और आध्यात्मिक खजाने खुल जाते हैं ।सत्य के मार्ग पर चलने से ही मानव का कल्याण संभव है। सत्य के मार्ग पर चढ़े परेशानियां हो सकती हैं लेकिन परिणाम अच्छे होते हैं। मानवता ही निरंकारी की पहचान है उन्होंने कहा कि एक सच्चे गुरमुख महापुरुष की सेवा करता हुआ व्यक्ति परोपकार के मार्ग पर आगे बढ़ता है। उसका परमात्मा से मिलन हो जाता है ।निरंकारी आध्यात्मिक सत्संग में जवाहरलाल संतोष गुप्ता ,रामबाबू पाल, संजय चक, भूप सिंह नायक, लक्ष्मी नारायण, बेबी, उमा, आशा, राजाबाई उपस्थित थी ।

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