उत्तर प्रदेशलखनऊ

का वर्षा जब कृषि सुखाने !

ग्लोबल टाइम्स 7 डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क तहसील सिकंदरपुर अतुल कुमार राय

सिकंदरपुर। बलिया: इस वर्ष जिले में पड़े भीषण सूखे के चलते किसानों की आधी से अधिक बोई गई खरीफ की फसल सूखकर बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में लगभग चार दिनों से हो रही बरसात से एक बार फिर ‘का वर्षा जब कृषि सुखाने’ की कहावत चरितार्थ होते नजर आ रही है। हां, जिन किसानों ने समय से धन की रोपनी करके किसी भी तरह जुगाड़ व्यवस्था कर अपनी फसल को बचा लिया है, यह बारिश उसके लिए फायदेमंद साबित होगी। इस बारिश से लोगों को जहां गर्मी से राहत मिलेगी वही सूख चुकी धान की फसलें कुछ हरी-भरी जरूर हो जाएं किंतु उनमें अब बाली का निकलना संभव नहीं होगा।

बारिश नहीं होने से किसानों की फसल सूखती रही। वर्षा के बाद नहरों और बिजली ने भी धोखा दे दिया। किसानों की निगाहें आसमान में बादलों को ही निहारती रहीं। बहुत लंबी प्रतीक्षा के बाद सोमवार की रात से छिटपुट बरसात होना शुरू हुई जो बृहस्पतिवार की रात व शुक्रवार कि दिन में तेज बारिश में तब्दील हो गई। लोगों का कहना है कि अब जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह भी आधा बीत जाने के बाद घंटा-आधा घंटा की बारिश से खेती पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है। हां, अब समय-समय से सिंचाई की सुविधा पा चुकी फसलों के लिए यह बारिश वरदान ही साबित हुई है।

इनसेट–

रेंड़ा लग चुकी फसलों को होगा फायदा

क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि इस बारिश से उस फसल को फायदा मिलेगा जो किसी तरह से अभी तक सूखने से बची हो। लेकिन सूख चुकी फसल इस बारिश से हरी तो जरुर हो जाएगी पर उस फसल में बाली नहीं निकलेगी। जो धान की फसल इस समय रेड़ा पर उसके लिए यह वारिश का पानी फायदेमंद साबित होगा ।

Global Times 7

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