बाढ़ग्रस्त इलाकों में शिक्षण कार्य शुरू !

बाढ़ के कारण प्रभावित हो रही थी बच्चो की पढ़ाई !
ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्य़ूज नेटवर्क टीम चकरनगर, इटावा तहसील ब्यूरो नीरज त्रिपाठी।
बाढ़ ग्रस्त से प्रभावित विद्यालयों में बच्चों का शिक्षण कार्य स्कूलों की साफ सफाई के बाद शुरू हो गया।खंड शिक्षा अधिकारी ने गढ़ा कास्दा कम्पोजिट विद्यालय में फुल ड्रेस में आने वाले बच्चों को नगद इनाम देकर प्रोत्साहित किया गया।शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी चकरनगर अलकेश कुमार ने स्कूल औचक निरीक्षण किया जिसमें स्कूल की स्थिति व अन्य शिक्षण व्यवस्था की जानकारी प्रधानाध्यापक योगेश कुमार ने दी शशांक , काव्यांश, महक, पलक मोहन गुप्ता कक्षा 5 सोनावती कक्षा 4 को विद्यालय में फुल ड्रेस मैं विद्यालय आने पर 50 50 रुपए नगद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।अन्य बच्चों से भी स्कूल में ड्रेस के साथ आने को कहा गया। मिड डे मील को मेनू के अनुसार बच्चों में दिए जाने के सख्त निर्देश शिक्षको को दिए गए। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया सभी विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है,बाढ़ का पानी भरने के बाद विद्यालयों में कुछ समस्याएं आई हैं जिनको तत्काल दुरुस्त करवाया जाएगा शिक्षण कार्य को किसी भी दशा में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
बकरी चराते बच्चों को एसडीएम ने पढ़ाई लिखाई के लिए प्रेरित किया।बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण में निकले उप जिला अधिकारी चकरनगर मलखान सिंह को अम्दापुर व चकरपुरा के बीच पशु चरा रहे बच्चे देखने पर गाड़ी रोककर उनके पास गए और उनसे पढ़ाई लिखाई के बारे जानकारी की।बच्चो में कमलेश नरेंद्र विकास वंश कृष्ण मुरारी अपने घर के पालतू पशुओं को चारा की समस्या होने के कारण जंगल में हरी घास चराने को आए।स्कूल जाने के सवाल पर बच्चों ने बताया कि हम लोग स्कूल भी जाते हैं बाढ़ के दौरान अभी स्कूल बंद थे अभी स्कूल खुले हैं स्कूल भी जाया करेंगे उपजिलाधिकारी ने बच्चों को प्रेरित किया शिक्षा का महत्व बताया जिससे उनके जीवन में ऊंचाइयों पर पहुंच सकेंगे बच्चों के साथ अपना फोटो खींचा और बच्चों से कहा कि मैं अगली बार जब स्कूल में आऊंगा तो आप सभी को जो भी पढ़ाई में कॉपी किताब कपड़े जूते आदि जो भी समस्या होगी सब कुछ उपलब्ध कराया जाएगा पढ़ाई के बाद घरेलू काम करें ।स्कूल के समय नियमित तौर से स्कूल जाए और मन लगाकर पढ़ाई करें।
अन्य चरवाहों को भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहा। हैं।






