सुनो कानपुर सीएमओ साहब ! क्यों है कानपुर जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवायें बदहाल!

कहीं सीएमओ साहब आपकी कुर्सी के नीचे ही छेद तो नहीं, धरातल पर स्वास्थ्य सेवाएं हांफ रही!
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जहां एक तरफ सूबे के मुखिया व योगी सरकार द्वारा निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहतर व्यवस्थायें अपनाने की रणनीति बनाकर नित नयी योजना संचालित कर लोगों को सुख सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं, और लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानांतरण नीति के अनुसार डाक्टरों का स्थानांतरण भी कर नमी व्यवस्था अपनाने का प्रयास कर ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित कराने का प्रयास कर रहे हैं,
स्वास्थ्य सेवाएं खुशहाल रहे इसके लिए कानपुर के सीएमओ का स्थानांतरण कर लखनऊ से कानपुर नगर की स्वास्थ्य विभाग की कमान नये सीएमओ आलोक रंजन को सौंपी जा चुकी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं में कोई फर्क नहीं पड़ता, समस्याओ को आज भी जस का तस देखा जा सकता है,
सीएमओ कार्यालय में तगड़ी सेटिंग के चलते तैनाती स्वास्थ्य केंद्रों पर डाक्टर साहब मेहरबान!
सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के कानपुर सीएमओ कार्यालय में तगड़ी सेटिंग के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डाक्टरों का आलम यह है,, कि साल छह माह में सिर्फ एक दो बार डाक्टर साहब अपने तैनाती केंद्रों पर मरीजों को दर्शन दिए तो दिये , अन्यथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से ही प्रभारियों को मोटी रकम में समेट कर डाक्टर साहब अपने क्लीनिक व प्राईवेट नर्सिंग होम में मस्त हो गये,
जब भी जांच हुई तो पेट पालने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई !
सूत्र बताते हैं कि यदि विभाग द्वारा ज्यादा सख्ती बरती गई तो पेट पालने वाले दो चार कुछ झोलाछाप डॉक्टरों का चालान काट कर अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी गई,
जहां पर कमीशन बाजी के चलते सिर्फ निचले स्तर पर ही कार्यवाही का रवैया अपनाने के पश्चात जिम्मेदार लोगों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों को इतिश्री कर ली गई,
जोकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेसहारों के सहारा बने हुए हैं,
बीते सप्ताह कानपुर ककवन में सीएमओ ने की थी जांच, लगभग आधा दर्जन डाक्टर मिले मिले थे नदारद, जांच ठंडे बस्ते में !
फिलहाल में ही अभी एक वाकया कानपुर जनपद के ककवन सीएचसी का आया जहां स्वास्थ्य केंद्र से लगातार लापरवाहियां की सूचना पर जांच करने पहुंचे कानपुर सीएमओ ने पाया कि लगभग आधा दर्जन डाक्टर ड्यूटी से नदारद रहे, सीएमओ साहब भड़क उठे, जांच के निर्देश भी जारी कर दिये लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, और कार्यवाही हवा हवाई हो गई । इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में किस तरह से प्रभावित होकर कार्य लोगों को सुख सुविधाएं मुहैया करा रही है,
पहले डाक्टर साहब प्रतीक्षारत,उसी केंद्र पर पुनः तैनाती
वहीं दूसरा मामला कानपुर जनपद के भीतरगांव से सामने प्रकाश में आया, जहां पदस्थ प्रभारी डाक्टर के द्वारा एक महिला कर्मचारी के माध्यम से एक घाटमपुर तहसील के एक गर्भवती महिला से डिलीवरी के नाम पर छह हजार रुपए में मामला व इलाज का कराने हेतु , सोशल मीडिया में आडियो तेजी दौड़ा , मामले में जांच एडिशनल सीएमओ व एसडीएम को सौंपी गई, कुछ दिनों तक डाक्टर साहब को प्रतीक्षा रत रखा गया इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में तगड़ी सेटिंग के चलते उसी स्वास्थ्य केंद्र पर पुनः तैनाती कर दी गई,और पीड़िता न्याय की गुहार लगाते हुए चौखट दर दर भटकती रही , मीडिया के माध्यम से जानकारी देते हुए पति ने यह भी बताया था कि सब सेटिंग के चलते खेल चल रहा है कोई सुनने वाला नहीं है, गुहार लगाते रहने से कोई हल नहीं निकलने वाला है !
तगड़ी सेटिंग के चलते तैनाती स्वास्थ्य केंद्रों पर न पहुंच, डाक्टर साहब के चल रहे क्लीनिक व नर्सिंग होम
बताना चाहेंगे कि कानपुर नगर जनपद के स्वास्थ्य विभाग में ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क टीम की पड़ताल में एक बहुत ही बड़ा खेला सामने आया, जहां डाक्टरों दबंगई व सरकारी तंत्र के माध्यम से सीधे सीएमओ कार्यालय में तैनात अफसरों व अधिकारियों की सेटिंग के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों इत्यादि जगहों पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों व स्टाप सहित अन्य विषयों की सघन पड़ताल व जांच की जाए तो स्वाभाविक है स्वास्थ्य विभाग के अंदर योगीराज में एक बहुत बड़ा खेला सामने आ सकता है, जहां तैनाती स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात डाक्टर अपने अधिकारियों की सेटिंग व कृपा दृष्टि के चलते स्वास्थ्य केंद्रों पर कभी कभार ही नजर आते हैं, बाकि आप स्वयं अपना क्लीनिक व प्राईवेट नर्सिंग होम चलाने में व्यस्त हैं,
नहीं हुआ काफी समय से एक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात प्रभारी अधिकारियों व डाक्टरों का अभी स्थानांतरण;
सूत्र के मुताबिक कानपुर जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने भ्रष्टाचार को इस तरह से अपनी गिरफ्त में जकडकर रखा है कि जनपद के ब्लॉक स्तर पर बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात प्रभारी अधिकारियों, कर्मचारियों व डा स्टाप का काफी अरसे से एक जगह से दूसरे केंद्रों पर स्थानांतरण प्रक्रिया अपनाई ही नहीं गयी, बल्कि उसी केंद्र पर और प्रोमेट कर तैनाती दे दी गई, जोकि स्वास्थ्य विभाग के लिए एक सघन जांच का विषय भी बनता है, बताया जाना है कि कानपुर नगर जनपद के चौबेपुर केंद्र पर यशोवर्धन सिंह व शिवराजपुर विकास खंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनुज कुमार दीक्षित का काफी लम्बे समय से नहीं हुआ स्थानांतरण, साथ ही ऐसे काफी मामले हैं जोकि स्वास्थ्य विभाग अपने कानों में तेल डालकर पालथी मार कर बैठ कुंभ करणी निद्रा में लीन हो गया, आखिरकार योगीराज में स्वास्थ्य विभाग का यह भ्रष्टाचार कब जारी रहेगा,
ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क टीम करेगी ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का पर्दाफाश, बहुत जल्द हो सकेगा भ्रष्टाचार उजागर!
अब यह देखना होगा कि क्या ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क टीम की एक सघन पड़ताल में कानपुर सीएमओ कार्यालय में जमीनी स्तर की धरातलीय अव्यवस्थाओं की सच्चाई दस्तक देते हुए कुछ हलचल पैदा कर सकेगी अथवा इसी तरह से एक ही केंद्रों पर तैनात प्रभारी अधिकारियों, कर्मचारियों व स्वास्थ्य केंद्रों से अक्सर लापता रहने वाले कर्मचारियों व जिम्मेदारियों की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों पर कार्रवाई हो सकेगी, और जमीन पर बदलाव आ सकता है, अथवा समस्यायें कमीशन बाजी के चलते जस की तस धरी रह जाएगी ,
शेष अगले अंक पब्लिशन में ,
संकलन रिपोर्ट – आलोक मिश्रा
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