सरकार की उदासीनता से जंगल मे बदल गई 12 वर्ष से लंबित यू.एम.पावर परियोजना

औरैया
*4 सौ एकड भूमि पर चारदीवारी के बीच चर रहे अन्ना मवेशी*
*ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क टीम कंचौसी औरैया उप्र. विशेष संवाददाता सुरेश यादव*
जिले की अधूरी पडी प्लास्टिक सिटी से कुछ दूर उत्तर दिशा मे सदर व बिधूना तहसील की सीमा पर सन 2012 मे प्रदेश की बिजली जरूरत को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के साथ प्रस्तावित की गई गुड़गांव हरियाणा की कम्पनी यूनीटेक पावर मशीन लिमिटेड की 3 हजार करोड रुपए की 250 मेगावाट की कोल परियोजना बारह वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आज तक धरातल पर नही उतर पाई है। उसका प्रमुख कारण सरकार की उदासीनता और किसानो की नाराजगी इसमे रूकावट बनी हुई है। जिससे जिले के सात राजस्व ग्राम जमौली कंचौसी गांव सेहुद के साथ बिधूना तहसील के नौगवा ढिकियापुर सूखमपुर हरतौली के हजारो किसान ठगा महसूस कर रहे है। जिनकी कौडियो के भाव मे जमीन लेकर परिवार के लोगो को नौकरी गांव व इलाके का चौमुखी विकास का सपना दिखा कर रोजी रोटी से वंचित कर दिया गया है। जहां आज तक न पावर लगा है न कोई अन्य उधोग, उल्टे खाली पडी भूमि पर अन्ना सैकडो मवेशी अपना शरणगाह बनाये हुए है। जो दिन और रात मौका पाते ही किसानो की बची भूमि पर फसल चरने से नही चूकते है। जिनको रोकने के लिए कृषक पूरी रात रखवाली करते दिखाई दे रहे है।
जब कि यह बडी परियोजना कंचौसी फफूद रेलवे स्टेशनो के मध्य कंचौसी औरैया मार्ग के किनारे व नवीन बनकर तैयार सूखमपुर रेल ओवर ब्रिज के करीब होने के साथ साथ मंगलपुर ढिकियापुर माइनर के मध्य होने के साथ समाधान पुरवा मेडिकल कालेज दिबियापुर पॉलीटेक्निक, एवम जिले के सामकेतिक मूक बधिर विशेष दिव्यांग विद्यालय हीरानगर की परिधि मे है। जिसका विकास न होना बडी आवादी मे पिछडापन दर्शाता है।जब कि कम्पनी का प्रबंध तंत्र इस भूमि को देश की बैको मे बंधक कर कई सौ करोड रुपए का लोन लेकर अपना दूसरे प्रदेशो मे कारोबार फैलाये है, जबकि परियोजना के निदेशक आर.बी.सिंह अमेरिका मे रह रहे बताये जा रहे है।
जिससे यहां हाल मे विकास होने का कोई संकेत नही दिखाई दे रहा है। जिस पर जिला व शासन के वरिष्ठ अधिकारियो को ध्यान देकर परियोजना को गति देने की आवश्यकता है।