भूलालचियों के कब्जे से मुक्त होने की बाट जो रही कड़री झील

बेदखली के आदेश होने के बाद भी उत्तरदाई लोगों द्वारा अब तक नहीं की गई कोई भी कार्यवाही
ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
उपजिला संवाददाता
राकेश कुमार मिश्र
24 मई 2024
शिवली
कानपुर देहात, भूलालचियों के चंगुल में फंसा कड़री झील का अधिकांश भूभाग अवैध कब्जेदारों के चंगुल से मुक्त होने की बाट जो रहा है, न्यायिक और प्रशासनिक आदेश होने के बाद भी तहसील प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता और अवैध कब्जेदारो की सक्षमता के कारण तहसील क्षेत्र के लगभग 190 से अधिक मुकदमों पर बेदखली के आदेश जारी होने के बावजूद भी धरातल पर बेदखली की कार्यवाही नहीं हो सकी है | आखिर धरातल पर कार्यवाही कब दिखेगी यह एक यक्ष प्रश्न है या फिर कागजों में ही बेदखली के फरमान कैद होकर रह जायेगे और ग्राम समाज की जमीनों के साथ तालाब खलियान खाद के गड्ढों सहित अन्य सुरक्षित जमीनों पर वर्षों से अनाधिकृत कब्जा जमाये लोग काबिज बने रहेंगे? एक ओर जिला प्रशासन लगातार समीक्षा बैठक कर ग्राम समाज की जमीनों के साथ सुरक्षित जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त करने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही करने का निर्देश दे रहा है वहीं दूसरी ओर मैथा तहसील क्षेत्र में न्यायालय एवं प्रशासन के आदेश हवा हवाई साबित हो रहे हैं जिससे मैथा तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम समाज की जमीनों समेत तालाब, खलिहान एवं अन्य सुरक्षित जमीनों पर अवैध कब्जों की बाढ़ सी आ गई है और तहसील प्रशासन सार्वजनिक संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने में असहाय नजर आ रहा है | न्यायालय तहसीलदार के द्वारा अब तक तहसील क्षेत्र के लगभग 190 मामलों पर बेदखली के आदेश जारी किए जा चुके हैं लेकिन यह आदेश केवल कागजों तक सीमित होकर रह गए धरातल पर अभी भी अवैध कब्जे पूरी तरह से बरकरार है इसी कारण तहसील क्षेत्र में अवैध कब्जा करने वालों के हौसले बुलंद हैं ,और धड़ल्ले से सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जे हो रहे हैं लेकिन तहसील प्रशासन द्वारा केवल कागजों पर ही बेदखली की कार्यवाही करके सरकार एवं प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है ऐसी स्थिति में तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है |





