प्यार में मिला धोखा, दोस्तों का मिला साथ प्रेरणा से प्रेरित होकर लोक सेवा आयोग उ॰प्र॰ परीक्षा पास कर बन गये कलेक्टर साहब । Kanpur

ग्लोबल टाईम्स 7 न्यूज नेटवर्क टीम
मोहब्बत में मिले धोखे से अवसाद में जाने पर दोस्तों ने दिया साथ, दोस्तों के प्रेरणा से प्रेरित होकर बन गए एसडीएम।
कानपुर महानगर: सरल स्वभाव के प्रिंस कुमार यादव पनकी पॉवर हाउस स्थित ऑफ़िसर्स कॉलोनी में अपने मित्र गौरव ओझा के यहाँ रहकर लोक सेवा आयोग उ॰ प्र॰ की तैयारी कर रहे थे ।अपने दोस्तों के बीच डॉक्टर साहब से प्रसिद्ध प्रिंस तीन बार उ॰ प्र॰ प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा से साक्षात्कार से असफल होने के बाद भी अपने जज़्बे को कम नहीं होने दिया और अपने चौथे प्रयास में परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए है । प्रिंस जनपद गाज़ीपुर ज़िला दिलदारनगर उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। प्रिंस अपने प्रेरणा-श्रोत अपने मित्र सोनल को मानते है, जिसने हार और जीत की इस लड़ाई में हमेशा सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया । डॉक्टर साहब, जिन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिलदारनगर में रहकर पूरी की । तत्पश्चात् अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में प्रौद्योगिकी स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद कुछ दिन निजी कंपनी में कार्य किया । प्रेम में दिल टूटने के बाद दोस्तों ने प्रोत्साहित किया और लोक सेवा आयोग उ॰ प्र॰ द्वारा वर्ष 2023 में संचालित परीक्षा में 31वाँ स्थान प्राप्त कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए। पिछले वर्ष डॉक्टर साहब के अजीज मित्र अनुपम त्रिपाठी का चयन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ परंतु इस प्रयास में प्रिंस ने बखूबी हर ग़लतियों से सीख ली । जिसमें उनके मित्र अनुपम ने भी बहुत मदद किया। हतोत्साहित होने पर अनुज एवं कविराज मुकुंद मिश्रा जबरन ख़ुद की लिखी कविता सुना कर उत्प्रेरक की भूमिका निभाये। प्रिंस बताते है कि “दोस्ती का रिश्ता खून का रिश्ता तो नहीं अपितु दिल का रिश्ता होता है।”
प्रिंस के पिता श्रीनिवास सिंह पेशे से किसान है तथा माता श्रीमती कमला देवी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है । अपनी सफलता में प्रिंस अपने माता-पिता, गुरुजन तथा पूरे परिवार के आशीर्वाद को पूरा श्रेय देते है । साथ ही साथ अपने परम मित्र सोनल और उत्कर्ष की मुख्य भूमिका बताते है ।