राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम,

प्रभु श्रीराम के भक्तों द्वारा किया गया श्रमदान, सेवादान,फलदान,पुष्पदान, ब अन्य भिन्न भिन्न दानों पर
विशेषांक
ग्लोबल टाइम्स 7 डिजिटल न्यूज नेट वर्क,ब्लॉक संवाददाता ,सहार औरैया की कलम से।
प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में बस कुछ ही घंटों का समय शेष है।मंदिर और अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह फूलों ,रंगोलियो और रंग बिरंगी लाइटों से सजा दिया गया है।पूरा देश राममय है।घरों,मंदिरों, और धार्मिक स्थलों से शंख,ढोल मजीरों,और राम भजनों की गूंज सुनाई दे रही है। मिथिला नेपाल माता सीता के मायके पक्ष से अयोध्या नगरी में भार पहले ही आ चुका है।उज्जैन,मथुरा,आगरा और अन्य प्रांतों से विशेष प्रकार के लड्डू भक्तों द्वारा प्रभु श्रीराम के भोग और प्रसाद हेतु भेजे जा रहे है।प्रभु श्री राम के अंग वस्त्र और पूजन की थाली भी भक्तों द्वारा भेंट की जा रही है।कल्पना कीजिए हजारों मजदूरों द्वारा मंदिर निर्माण में किया जा रहा श्रमदान,सरयू नदी और अयोध्या नगरी को साफ स्वच्छ करना,ये सभी रामकाज है।यह सत्य है कि प्रभु के लिए भक्ति भाव से किया गया कोई कामकाज कभी व्यर्थ नहीं जाता ।प्रभु श्री रामसेतु बनाने में गिलहरी ने भी अपना श्रमदान देकर समस्त मानव जाति को प्रेरणा और संदेश दियाथा।गरीबों, असहाय,वृद्ध और प्राणियों की सेवा और सहायता करना भी प्रभु श्रीराम का ही कामकाज है। गौ दान,कन्यादान भू दान, आदि परमार्थ से संबंधित सभी दान भी प्रभु के प्रति अर्पण और कामकाज ही माना जाता है।हनुमान जी ने वानरों को साथ लेकर रामसेतु का निर्माण और लंका पर विजय प्राप्त करने तक प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के लिए सब कुछ समर्पण कर दिया यह भक्त और भगवान का अनूठा ही प्रेम है और प्रभु की सेवा या उनके लिए किया गया कामकाज पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है।वे सभी भक्त कितने सौभाग्यशाली होंगे जिन्हें भगवान के चरणों की सेवा करने का अवसर मिला। अब तो प्रभु श्रीरामआ रहे है हम सभी भक्त जो प्रभु का कामकाज कर रहे है। और जब तक शरीर में स्वांस रहेगी प्रभु के लिए तन मन धन से कामकाज करते रहेंगे।22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात पूरे देश में दीपावली जैसा महोत्सव होगा,घरों में श्री राम ज्योति के साथ साथ दीपोत्सव होगा। रामराज्य की कल्पना करते हुए हम सभी भक्तजन यही कह सकते है , राम काज कीन्हेें बिनु मोहि कहां विश्राम,