उत्तर प्रदेश

तथ्यों को छुपा कर की गई नियुक्ति एसडीएम ने की थी खारिज

ट्रैक्टर ड्राइवर से आखिर कैसे बना पालिका परिषद में लिपिक

जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरो रिपोर्ट औरैया।
12 दिसंबर 2023

#औरैया।

स्थानीय नगर पालिका परिषद में वर्ष 2016 में अनुसूचित जाति के कोटे की वैकेंसी हथियाकर ट्रैक्टर ड्राइवर नगर पालिका परिषद औरैया में लिपिक के पद पर आसीन कर दिया गया। इस आशय की जानकारी जब तत्कालीन उप जिला अधिकारी को हुई तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से नियुक्ति को निरस्त करने का आदेश दिया। इसके बावजूद वह अपने पद पर आसीन बना हुआ है। इतना ही नहीं, पालिका परिषद की अन्य कर्मचारी भी आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं। इसके साथ ही नगर पालिका परिषद में कार्यरत रहे अनिरुद्ध दुबे ने वेतन निकालने के लिए जब लिपिक से कहा तो लिपिक ने उससे 25 प्रतिशत कमीशन मांगा तब वेतन निर्गत करने के लिए कहा। वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष के संज्ञान में मामला होने की बावजूद आखिर क्यों करवाई नहीं हो रही है यह एक यक्ष प्रश्न है।
नगर पालिका परिषद में वर्ष 2016 में सभी नियमों को धता बताते हुए एवं तथ्य छुपा कर नागेश बाबू तिवारी की नियुक्ति अनुसूचित जाति की वैकेंसी में की गई। इतना ही नहीं उक्त ट्रैक्टर ड्राइवर को प्रोन्नति करते हुए लिपिक के पद पर नियुक्ति कर दी गई जो बहुत ही हास्यास्पद है।नगर पालिका अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी के कृपा पात्र नागेश बाबू कर रहा नगर पालिका में प्रधान लिपिक का कार्य। इतना ही नहीं आवास विकास स्थित गौशालाओं में भूख से तड़प कर मरी थी कई गाय, जब उपरोक्त ट्रैक्टर ड्राइवर से पास था इसका चार्ज। आखिर नगर पालिका अध्यक्ष अनूप कुमार गुप्ता के संज्ञान में होते हुए भी क्यों नहीं होती है कार्रवाई। पूर्व पालिका अध्यक्ष गायत्री देवी ने तथ्यों को छुपा कर की थी ट्रैक्टर ड्राइवर की भर्ती। पूर्व एसडीएम ने भी संज्ञान में लेते हुए नगर पालिका परिषद को पत्र जारी कर लिखा था। तथ्यों को छुपा कर क्यों की जा रही फर्जी वैकेंसी में नियुक्ति। आपको बताते चलें कि नगर पालिका परिषद में कर्मचारी रहे अनिरुद्ध दुबे ने नगर पालिका परिषद के तथा कथित लिपिक नागेश बाबू तिवारी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह नगर पालिका में कार्यरत थे, लेकिन उन्हें बगैर जानकारी दिए हटा दिया गया। लेकिन अभी तक नगर पालिका द्वारा उनका भुगतान नहीं किया गया है। जब उन्होंने भुगतान करने के लिए उपरोक्त नागेश बाबू तिवारी से कहा तो उन्होंने 25 प्रतिशत कमीशन देने की बात कही है। जिसके कारण उनका अभी तक भुगतान नहीं हो सका है। यह भी बताया कि अनुसूचित जाति की वैकेंसी में नागेश तिवारी की नियुक्ति की गई है, यह एक जांच का विषय है।
इस आशय की जानकारी जब तत्कालीन उप जिला अधिकारी राजेंद्र कुमार को हुई तो उन्होंने संबंधित लिपिक को हटाने के लिए आदेश जारी करते हुए कहा की संबंधित द्वारा धोखे से तथ्य छुपा कर बिना उनके संज्ञान में लाये दो ड्राइवरों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर लिए गये थे जो नियम विरुद्ध है। नियुक्ति के लिए नियमानुसार समिति गठित कराकर व इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना था जो नहीं किया गया। मेरे द्वारा नियुक्ति के लिए प्रस्तावित की गई रिपोर्ट को निरस्त समझा जाए। इसके बावजूद नियुक्ति को खत्म नहीं किया गया। फिलहाल यह एक जांच का विषय है।

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