उत्तर प्रदेश

आंगनवाडी केन्द्रों को सीमित संसाधनों में माडल के रूप में करें स्थापि

जीवन में नियम, संयम, स्वच्छता, सदाचार, सक्रियता एवं संस्कार आने वाली पीढ़ियों में भरना हमारा कर्त्तव्य- मा० राज्यपाल

आंगनवाडी केन्द्रों को सीमित संसाधनों में माडल के रूप में करें स्थापित|

आंगनवाडी कार्यकत्री जितना सक्रिय रहेंगी, उतना उनके नियंत्रण में पलने वाले बच्चे सक्रिय बनेंगे|

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात

कानपुर देहात
29 सितम्बर 2023

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सभागार में मा० राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जनपद कानपुर देहात के 100 एवं कानपुर नगर के 60 आंगनवाडी केन्द्रों को सुविधा संपन्न बनाने हेतु आवश्यक वस्तुओं की किट वितरण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया| इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल महोदया ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में सबसे अधिक जिम्मेदारियों का निर्वहन महिलाएं करती हैं, इतनी जिम्मेदारियों के होते हुए भी वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी ईमानदारी, निष्ठा और लगन के साथ करती हैं | आंगनवाडी कार्यकत्रियों की भूमिका को इसी सन्दर्भ में देखा जाना चाहिए| हमने पुरे देश में एक मुहिम की शुरुआत की थी कि विश्वविद्यालय एवं आंगनवाडी केन्द्रों को जोड़ा जाए, जिससे आंगनवाडी केंद्र अपनी भूमिकाओं को और प्रभावशाली बना सकें, मुझे ख़ुशी है कि हम इस पहल में सफल होते दिखाई दे रहे हैं| उन्होनें कहा कि पहले हमें अज्ञानता के कारण बच्चों की विकास प्रक्रिया का ज्ञान नहीं था, किन्तु बढती तकनीकी ने हमें इस बात का ज्ञान करा दिया है कि बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास के लिए किन उपयोगी चीजों की आवश्यकता होती है | उन्होनें अपने जर्मनी भ्रमण के दृष्टान्त के द्वारा लोगों को यह बताया कि किस प्रकार वहां पर जन्म से लेकर पालन पोषण तक बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं को परखा जाता है और उसी के अनुसार उनकी देखभाल की जाती है| उन्होनें कहा कि आंगनवाडी केन्द्रों के भवनों को बच्चों की सुविधानुसार बनाया जाना चाहिए| आंगनवाडी केन्द्रों को अधिक से अधिक सुविधा युक्त बनाने हेतु सी०एस०आर० फण्ड का प्रयोग करना चाहिए, हाँलाकि अब आँगनवाड़ी केन्द्रों की स्थिति अच्छी होती जा रही है और मातायें अब अपने बच्चों को इनमें भेजने के लिए तत्पर दिखाई दे रही हैं| बच्चों की प्रतिभा को निखारने हेतु जो भी कार्यक्रम आयोजित हों उनका संचालन बच्चों के द्वारा कराया जान चाहिए, जिससे उनके अंदर की प्रतिभा निकल कर सामने आएगी |सभी बच्चों को विद्यालयों में दाखिला देना हमारा सामाजिक एवं नैतिक दायित्व हैं| इसके अतिरिक्त मा० राज्यपाल महोदया ने कुछ ऐसे संस्कारों की चर्चा की जिसका विकास बाल्यकाल से ही उनके वरिष्ठजनों और आंगनवाडी कार्यकत्रियों द्वारा बच्चों में विकसित किये जाने चाहिए, इन संस्कारों में सर्वप्रथम स्वच्छता, बच्चों को बाल्यकाल से ही स्वच्छता की महत्ता के सम्बन्ध में ज्ञान कराना चाहिए, द्वितीय पानी के महत्त्व को बताते हुए पेयजल संरक्षण का महत्त्व बताना चाहिए, तृतीय समय की पाबंदी का जीवन में कितना महत्त्व है को समझाना चाहिए, चतुर्थ बच्चों में आत्मनिर्भरता के विकास के लिए बच्चों को प्रेरित करना चाहिए| उन्होनें कहा कि हमारी आंगनवाडी कार्यकत्री जितना सक्रिय रहेंगी, उतना उनके नियंत्रण में पलने वाले बच्चे सक्रिय बनेंगे| उन्होनें कहा कि जितने भी संसाधन आपके पास हैं उनसे ही आप बच्चों को प्रशिक्षित कर उन्हें कुशल बनाइये| उन्होनें कहा कि माँ का दूध औषधि युक्त व् अमृत तुल्य है इसलिए मातायें अपने नवजात शिशु को प्रथम घंटे में स्तनपान अवश्य करायें| उन्होनें कहा कि बच्चे शुद्ध भाषा का प्रयोग करें इस हेतु सभी आंगनवाडी कार्यकत्रियों को वर्ष में एक बार 10 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन भी किया जाना चाहिए| बच्चों को बदलते वक्त के अनुसार अपने को ढालना है, सीखने का जज्बा होना चाहिए, अगर व्यक्ति के अन्दर जज्बा है तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है| उन्होनें आंगनवाडी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों का भविष्य आपके हाथ में है और आपकी जिम्मेदारी है कि अपनी इस भूमिका का आप शिद्दत के साथ निर्वहन करें| इस मौके पर मा० राज्यमंत्री, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, प्रतिभा शुक्ला द्वारा भी अपने संबोधन में आंगनवाडी केन्द्रों को प्री नर्सरी के रूप में विकसित किये जाने सभी आंगनवाडी केन्द्रों पर पोषण वाटिका की स्थापना करने एवं समदर्शी होकर सजगता से कार्य करने के शासन के लक्ष्य को साकार करने हेतु केन्द्रित होकर कार्य करने के निर्देश दिए| उन्होंने “सही पोषण देश रौशन”के नारे के आगाज़ से कार्यक्रम में आंगनवाडी कार्यकत्रियों को राज्यपाल महोदय के करकमलों से किट वितरण व् 5000 रुपये के चेक वितरण किया गया| इस दौरान मा० राज्यपाल महोदया द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया, जो कि वितरित की जाने वाली किट से बच्चों के व्यवहार व् कुशलता में आने वाले बदलाव को प्रदर्शित करती है| कार्यक्रम उपरान्त समस्त आंगनवाडी कार्यकत्रियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया|
इस दौरान सम्मानित जनप्रतिनिधिगण एवं आंगनवाडी कार्यकत्रिया उपस्थित रहीं |

Global Times 7

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