लखनऊ

मुख्यमंत्री जी एक नजर इधर भी जनता हो रही ठगी का शिकार !

सचिवालय मे जलपान गृह के नाम पर प्रबंधक अमित सक्सेना द्वारा की गई लाखों रुपए की ठगी

संवाददाता
ग्लोबल टाइम्स7 न्यूज नेटवर्क

लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सचिवालय में भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है जहां पर सूबे के मुखिया की निगरानी में शासन-प्रशासन रहता है वहीं पर दिया तले अंधेरा साबित हो रहा है भ्रष्टाचार में लिप्त सचिवालय के प्रबंधक अमित सक्सेना सेंट्रल हॉल जलपान गृह विधान भवन लखनऊ द्वारा खाद्यान्न सामग्री हेतु मैसर्स श्री श्याम इंटरप्राइजेज इंदिरा नगर लखनऊ के नाम जलपान गृह रजिस्ट्रेशन के नाम पर प्रबंधक अमित सक्सेना ने 1 लाख रुपये नगद लिये रजिस्ट्रेशन का लाइसेंस दिया
रजिस्ट्रेशन का आदेश दिनांक 10/10/2022 को हुआ था आदेश आदेश में लिखे नियम व शर्तों मे स्पष्ट है की जलपान गृह खाद्य सामग्री उधारी देने के 60 दिन बाद पेमेंट कर दिया जाएगा।
प्रबंधक अमित सक्सेना ने मैसर्स श्याम इंटरप्राइजेज से फोन करके कहा जलपान गृह खाद्य सामग्री लेकर आओ मै खाद्य सामग्री का चार्ट भेज रहा हूं इसके दूसरे दिन अमित सक्सेना ने कहा सामग्री लेकर न आओ हमारे अकाउंट पर पैसे भेज दो तब मैसर्स श्याम इंटरप्राइजेज के अशोक कुमार वर्मा व मनीष कुमार जयसवाल ने अपने अपने अकाउंट से 163000 एक लाख तिरीसठ हजार रुपए अमित सक्सेना ने अपने निजी अकाउंट में लिया है जिसका स्टेटमेंट अशोक कुमार वर्मा के पास है जब 60 दिन बाद पेमेंट नहीं हुआ तो प्रबंधक अमित सक्सेना से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा 10 दिन मे पेमेंट हो जाएगा जब पेमेंट नहीं हुआ तो दोबारा फोन दिसंबर 2022 मे किया तो कहा लखनऊ आ जाओ खाद्य सामग्री कम है ₹100000 लिए आना और पहले वाला पेमेंट बना रखा है तुरंत अकाउंट में लगा देते हैं तब अशोक कुमार वर्मा व मनीष कुमार जयसवाल लखनऊ जाकर अमित सक्सेना से मुलाकात की तो उन्होंने कहा यह ₹100000 रुपए हमें दे दीजिए और पहले वाला 163000 का पेमेंट आपके अकाउंट में आज ही लगा देंगे लेकिन 10 महीने हो रहे हैं आज तक पेमेंट नहीं हुआ इसके बाद अशोक कुमार वर्मा और मनीष कुमार जयसवाल ने अपने दर्द को मीडिया के सामने रखा। अब देखना यह है सरकार का चाबुक भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चलता है या नहीं

Global Times 7

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