बिधूना में बंगाली सर्राफा कारीगर लाखों रुपए नगदी जेवरात लेकर फरार

कई सर्राफा व्यापारियों के नुकसान का मामला पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाला
जीटी- 70017 राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
15 अप्रैल 2023
#बिधूना,औरैया।
बिधूना कस्बे से पिछले लगभग दो माह पूर्व कई सर्राफा दुकानदारों समेत आम लोगों का लाखों रुपए नगदी व लाखों रुपए का जेवरात लेकर फरार हुए बंगाली कारीगर के मामले में पुलिस ने एकमात्र दुकानदार की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली है लेकिन अन्य पीड़ित दुकानदारों के मामले में कार्रवाई की कौन कहे रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भी आज तक भटक रहे हैं और पुलिस उन्हें उल्टे कोतवाली से धमकाकर भगाते देखें गाने के साथ ही पुलिस ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है जिससे पीड़ितों में भारी आक्रोश है वहीं बिधूना पुलिस की नियत पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
बिधूना कस्बे में पिछले लगभग 2 माह पूर्व सर्राफा कारीगर देवासीष सामंत पुत्र दयाल सामंत निवासी धर्म पंचानतरा हऔरा निगम पश्चिम बंगाल पिछले लगभग 20 वर्ष से रहकर बिधूना कस्बे में सर्राफा दुकानदारों के आभूषणों की कारीगरी करता था इसी के चलते सर्राफा दुकानदारों व आम लोगों को उस पर भरोसा हो गया था। इसी के चलते उमरैन औरैया निवासी कमलेश गुप्ता व खडनी जिला कन्नौज निवासी रोहित चौहान के जेवरात बनाने के नाम पर 800000 रुपए लेकर फरार हो गया है। इस संबंध में उपरोक्त दोनों पीड़ितों द्वारा पुलिस को शिकायती पत्र दिए गए किंतु कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह बिधूना कस्बे के सर्राफा व्यवसाई कृष्ण कुमार वर्मा छुटंकू के लगभग 2000000 रुपए मय नगदी व जेवरात लेकर यह कारीगर लेकर फरार हो गया है। कृष्ण कुमार वर्मा की शिकायत पर पुलिस द्वारा रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है लेकिन रिपोर्ट के कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी आज तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसी तरह बिधूना कस्बे के ही निवासी डॉ राहुल कुमार व कुलदीप गुप्ता के भी लगभग 14 लाख रुपए कीमत का जेवरात उक्त सर्राफा कारीगर हड़प कर भाग गया है। इन लोगों द्वारा पुलिस को शिकायती पत्र भी दिया जा चुका है किंतु उसके बावजूद इन पीड़ितों की आज तक रिपोर्ट भी दर्ज नहीं हुई है। कई अन्य पीड़ित सर्राफा दुकानदार भी शिकायती पत्र लिए कार्रवाई के लिए भटक रहे हैं किंतु पुलिस पीड़ितों को बिना कार्रवाई के उल्टे उन्हीं को हडका कर कोतवाली से भगाते देखी जा रही है पुलिस द्वारा सर्राफा व्यवसायियों के हुए इस बड़े नुकसान के मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है इससे धोखाधड़ी के शिकार हुए सर्राफा दुकानदारों के साथ आम लोगों में बिधूना पुलिस के खिलाफ भारी आक्रोश भड़क रहा है वही पुलिस की नियत पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।