वर्षों से एक ही गांव में अंगद का पैर जमाये बैठे बिल्हौर तहसील के कमाऊ पूत

:- अक्सर गांव से लापता रहते लेखपाल, सप्ताह बैठक रोस्टर चार्ट की मठाधीश लेखपालों ने उड़ाई धज्जियां
:- एसडीएम बिल्हौर का सम्पर्क सूत्र नं जाता रहा नाटरीचेवल,ग्रामीण भी पंचायत सचिवालयों की बजाय तहसील कार्यालय के लगा रहे चक्कर
ग्लोबल टाइम्स-7
न्यूज नेटवर्क
कानपुर ।
यदि बात की जाए तहसील प्रशासन के राजस्व विभाग के प्रशासनिक व्यवस्था तंत्र की तो चहुंओर सेटिंग व खेला ही खेला नजर आ रहा है ।
बिल्हौर तहसील क्षेत्र के गांवों में तैनात लेखपालों के तैनाती अथवा स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर बात करें तो अजीब सा लगता है, कुछ सेटिंग बाज लेखपालों ने तो अपना रूतबा इतना कायम कर रखा है कि तहसीलदार व एसडीएम के ऊपर अधिकारी बन बैठे हैं, जिनके बारे में कहना लाजमी है, अर्थात गांवों में जब से तैनाती मिली है तब से शायद किसी ने जनाब का चेहरा देखा हो, अर्थ है कि लेखपाल साहब तैनाती गांव छोड़कर तहसील कार्यालयों में बैठे बैठे ही अपना सारा काम निपटाने में मस्त रहते हैं, मानौ जैसे गांव में पहुंचने की फुर्सत नहीं, कुछ ने यदि गांव में दर्शन दिए तो माह में मात्र एक दो बार, बाकि कहना यह रहता है कि तहसील कार्यालय आ जाएं सारा सबकुछ देख लिया जाएगा, पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा गांव गांव बने पंचायत सचिवालय में बैठने के लिए सप्ताह में एक एक दिन सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक ड्यूटी लगाने का रोस्टर चार्ट जारी किया था जिसमें गांव में तैनात जनाब लेखपाल के सप्ताह बैठक रोस्टर जारी किया गया है, जहां बिल्हौर तहसील क्षेत्र के शायद ही किसी इक्का दुक्का लेखपाल ने नियम को अपनाया हो,अन्यथा किसी ने कोई गौर नहीं किया, जिसका कारण तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों की लचर व्यवस्था का खुलकर उदाहरण पेश हो रहा है, अब सवाल यह उठता है कि क्या ज़िले आला अफसर व बिल्हौर तहसील प्रशासन द्वारा लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित कर,एक गांव में काफी अरसे से जमे हुए लेखपाल के स्थानांतरण प्रक्रिया अपनाने का प्रयास किया जा सकेगा,
इधर, एसडीएम बिल्हौर रश्मी लाम्बा से लेखपाल के गांव स्थानांतरण प्रक्रिया व तैनाती गांव में से अक्सर लापता रहने वाले प्रकरण बावत बात करने का प्रयास किया गया तो सम्पर्क सूत्र नं 9454416386 नाटरीचेवल ही जाता रहा ।