कंचौसी का ओवर ब्रिज अधर में,तीन वर्ष व्यतीत।जनता परेशान

किसानों और कार्यदाई संस्था के बीच मुआवजे को लेकर उलझा मामला
ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क टीम कंचौसी, कानपुर देहात, समाचार संपादक डॉ धर्मेन्द्र गुप्ता/ब्लॉक संवाददाता ब्रजेश बाथम।
औरैया रसूलाबाद मुख्य मार्ग पर पूर्वी रेलवे क्रासिंग के निकट यहां आसपास के लोगों की अधिक आवाजाही होने के चलते रेलवे ओवरब्रिज की मांग हो रही क्योंकि ओवर ब्रिज न होने से क्रॉसिंग पर लगती हैं लंबी कतारें
इसके बाद में डेडीकेटेड फ्रंट कारीडोर की तीसरी और चौथी लाइन बन जाने से तो दिल्ली हावड़ा रेल रूट पर ट्रेनों की संख्या और बढ़ गई। अब कई बार आधे से पौन घंटे तक फाटक बंद कर ट्रेनें निकाली जाती हैं जिससे आम जनता और दो पहिया वाहन पर सवार लोग घंटों परेशान रहते है। ऐसे में रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।2019 में शुरू हुआ था ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य लेकिन किसानों और कार्यदाई संस्था के बीच मुआवजा संबंधी मतभेद होने के कारण अभी तक ओवर ब्रिज का कार्य अधर में लटका हुआ है ।फाटक खुलने पर यहां वाहन फंस जाते हैं और जाम लग जाता है इससे वाहन सवारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पूर्वी केबिन पर ओवरब्रिज की मांग शुरू हुई, तो शासन से मंजूरी मिलने पर 7 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2019 में काम शुरू कराया गया। लेकिन कोरोना काल में लोक डाउन लगने के बाद 8 महीने तक कार्य बंद रहा,जब फिर कार्य दुबारा शुरू हुआ तो कार्यदाई संस्था और किसानों के बीच सर्किल रेट से चार गुना मुवावजे को लेकर किसानों ने मुवावजा ना मिलने के कारण कार्य को रुकवा दिया। कार्यदाई संस्था और किसानों के बीच हुई बैठक में मुवावजे के बाद कार्य शुरू करने की सहमति बनी। लेकिन कार्य अभी तक दुबारा नहीं शुरू हो सका है। काम
कार्यदायी संस्था उप्र सेतु निर्माण निगम की ओर से तीन साल में काम पूरा होने की बात कही गई थी। लेकिन काम बेहद सुस्त गति से चला। अब चौथे साल में भी काम अधूरा पड़ा है। इससे रेलवे फाटक पर जाम लगनाआम बातहै। कई बार एंबुलेंस फंसने से मरीजों की जान पर बन आती है। जबकि ओवरब्रिज को 7 करोड़ की लागत से 900 मीटर बनाया जाना है, 6पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं।
सेतु निगम के असिस्टेंट इंजीनियर एपी सिंह ने बताया किसानों के साथ चल रहा मुआवजे का विवाद अभी तक सुलझा नहीं है विवाद सुलझने के बाद निर्माण कार्य दुबारा शुरू किया जाएगा