माफिया को करेंगे दुरुस्त,बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता : आर के विश्वकर्मा

:- मैंने नौकरी शुरू की थी,मुश्किल से कोई महिला सिपाही नजर आती थी। महिला होमगार्ड से ड्यूटी कराने की मजबूरी रहती थी।अब पुलिसबल में 36 हजार महिला कर्मी है – कार्यवाहक डीजीपी
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प्रदेश के नए कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने कहा कि माफिया और अपराधियों को दुरुस्त रखने का अभियान जारी रहेगा। अपराधियों का डाॅटाबेस एवं डोजियर तैयार कर उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी। बुजुर्गों,महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पुलिस की पहली प्राथमिकता रहेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है कि गरीबों व जरूरतमंदों की बात सुनी जाए। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी कि नागरिकों की करुणा के साथ सेवा करना, जिससे ऐसे लोगों का आशीर्वाद प्रदेश पुलिस को मिले। यह सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।कार्यभार ग्रहण करने के बाद निवर्तमान कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के साथ मीडिया से मुखातिब हुए आरके विश्वकर्मा ने तकनीक के सहारे पुलिस को आधुनिक बनाने की योजना पर काम करने की बात भी कही। पुलिस मुख्यालय में उन्होंने यूपी पुलिस को दुनिया में सबसे बेहतर करार देते हुए कहा कि हमारे पास सर्वश्रेष्ठ इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम 112 है। मैंने कई देशों का भ्रमण किया,लेकिन इतना अच्छा सिस्टम कहीं पर नहीं दिखा।मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को खासा बजट दिया है। हमारे पास अत्याधुनिक फोरेंसिंक लैब हैं। मेरा उद्देश्य पुलिस को सारे अत्याधुनिक संसाधन मुहैया कराना है। इस दिशा में काम भी जारी है। उन्होंने पुलिस बल में महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि जब मैंने नौकरी शुरू की थी,तो मुश्किल से कोई महिला सिपाही नजर आती थी।इसकी वजह से महिला होमगार्ड से ड्यूटी कराने की मजबूरी रहती थी।अब पुलिस बल में 36 हजार महिला कर्मी हैं, जो बड़ा बदलाव है ।
पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा को बनाया गया कार्यवाहक डीजीपी
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष आरके विश्वकर्मा को राज्य सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी बनाया है।
दो माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले आरके विश्वकर्मा वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।भर्ती बोर्ड के अलावा उनके पास डीजी ईओडब्ल्यू के पद की जिम्मेदारी भी थी।मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले आरके विश्वकर्मा सपा सरकार में आईजी कानून व्यवस्था के पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
रुड़की से बीटेक, दिल्ली से की पीएचडी
कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने आईआईटी, रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी की है। वर्ष 1988 में आईपीएस बनने के बाद बस्ती, फतेहगढ़, नैनीताल, फैजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, वाराणसी और अलीगढ़ में पुलिस कप्तान बने। उन्होंने वर्ष 1999 से 2000 में कोसोवो जाकर यूएन पीकेएम में हिस्सा लिया। तत्पश्चात डीआईजी रेंज लखनऊ, मेरठ और बीएसएफ में भी तैनात रहे। एडीजी बनने पर उन्होंने कानून-व्यवस्था, तकनीकी सेवाएं, एसआईटी,पीएसी आदि में सेवाएं दी। उन्होंने देश-विदेश में कई प्रतिष्ठित संस्थानों से फोरेंसिंक साइंस, कंप्यूटराइजेशन ऑफ पुलिस रिकॉर्ड,कंप्यूटर एंड इंटरनेट क्राइम आदि का प्रशिक्षण भी हासिल किया है। उनको सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस मेडल एवं विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक,बीएसएफ/सीआरपीएफ का प्रशंसा चिन्ह,डीजीपी का प्लेटिनम प्रशंसा चिन्ह और उत्कृष्ट सेवा मेडल भी मिल चुका है।