उत्तर प्रदेशलखनऊ

अपने भक्तों की आर्त पुकार सुनकर द्रवित होते हैं भगवान

भक्तों की रक्षा करने के लिए लेते हैं धरा पर अवतार

ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज़ नेटवर्क 0007
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
17 मार्च 2023
शिवली कानपुर देहात, जब जब इस धरा पर धर्म का ह्रास होता है, अनाचार, दुराचार, अनीति, अधर्म और अभिमान से परिपूर्ण धरा व्याकुल हो जाती है तब तब अपने भक्तों की आर्त पुकार सुनकर भगवान किसी न किसी रूप में इस पृथ्वी पर अवतार लेकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं, अभिमानियों के अभिमान का मर्दन करके उनको सही मार्ग पर चलने का संदेश देते हैं | आम जनमानस को कुछ ऐसा ही संदेश आज चल रही श्री मद्भभागवत कथा के छठे दिन आचार्य श्री रामाशीष जी महाराज ने दिया |
नगर पंचायत शिवली के देवनगर स्थित मगनेश्वर माँ गार्गी देवी मंदिर में चल रही नौ दिवसीय श्री मद्भभागवत कथा के छठे दिवस की कथा कहते हुए व्यासपीठ पर आसीन पं. रामाशीष जी शुक्ल ने कहा कि कर्म के अनुसार जीव शरीर धारण करता है, 84 हजार योनियों में जीव अनवरत भटकता रहता है, परमात्मा बिना किसी प्रयोजन के अकारण ही जीव पर अपनी कृपा करके मनुष्य का शरीर प्रदान कर देते हैं, जिसे पाकर जीव अपने अच्छे कर्मों के द्वारा मोक्ष भी प्राप्त कर सकता है| आचार्य श्री ने बताया कि मानव अपने जन्म के साथ पांच चीजें साथ लेकर आता है, 1- आयु 2- कर्म 3- विद्या 4- धन 5- मृत्यु
जो अमिट है, मानव जीवन पाकर सत्मार्ग पर चलने से लोक और परलोक दोनों संवर जाते हैं |भगवान इस धरा पर अवतरित होकर मनुष्यों की तरह लीलाएं करते हुए समस्त विकारों से रहित होते हैं, आज भगवान श्री कृष्ण की मधुर लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि जमुना का जल कालीनाग की वजह से जहरीला था जिस कारण उसका प्रयोग नहीं हो सकता था उसे शुद्ध करने के उद्देश्य से काली दह में कुंद कर काली नाग के अभिमान को नष्ट करके इस स्थान को मुक्त कराया, इसी तरह सात साल की अवस्था में इंद्र के मान का मर्दन करते हुए गोबर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर इंद्र के कोप से बृजवासियों की रक्षा की, आज की कथा का समापन व्यास जी महाराज ने भगवान गोपेश्वर द्वारा महारास रचाने की लीलाओं के वर्णन के साथ किया जिसमें कामदेव के अभिमान को नष्ट किया गया है |

Global Times 7

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