बाबा ब्रह्मदेव स्थल पर विशाल धनुष भंग में भोर तक डटे रहे श्रोता

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज नेटवर्क, फफूँद संवाददाता ओम कैलाश राजपूत।
फफूँद,औरैया। फफूंँद क्षेत्र के ग्राम कोठीपुर में स्थित बाबा ब्रह्मदेव स्थल पर दो दिवसीय मेला का आयोजन किया गया जिसमें वीती रात विशाल धनुष भंग लीला का मंचन किया गया रामलीला में उत्तर भारत के सुख्यात कलाकारों में परशुराम की भूमिका में कानपुर से प्रिंस दीक्षित व लक्ष्मण की भूमिका में हमीरपुर के सुशील कुमार रावण की भूमिका स्देश यादव दिवियापुर, बाणासुर की भूमिका दीपू यादव सल्हापुर नृत्य कलाकार खुशबू ,दमनी,सरगम रानी कानपुर आदि ने घनुष भंग लीला का मंचन किया मंडलाधीश देवी शंकर दिबियापुर ने राम लीला के पात्र कलाकारों द्वारा सुंदर अभिनय प्रस्तुत कराया।
राम लीला में जनकपुरी दुल्हन की तरह संजाई गई और सीता स्वयमर का आयोजन रखा गया जिसमें धनुष तोड़ने वाले के साथ सीता का विवाह करने की घोषणा की गई दूर दराज के राजाओं को आमत्रण पत्र भेजा गया आये हुए राजाओ ने धनुष तोड़ने का प्रयास किया मगर असफल रहे। जब राजा जनक ने देखा कि सभी राजा धनुष तोड़ने में असर्मथ है तो दुःखी होकर विलाप करने लगे। उसी समय विश्वामित्र ने भगवान राम को धनुष तोड़ने का आदेश दिया,गुरु की आज्ञा पाते ही भगवान राम ने धनुष उठाकर दो भागों में विभाजित कर दिया धनुष टूटते ही मौजूद जनता जय श्री राम के जयकारें लगाने लगे। धनष टूटने की आवाज सुनकर तपस्या में लीन परशुराम क्रोध से भर उठे और जनकपुरी के लिए प्रस्थान कर दिया जनकपुरी पहुच कर देखा की धनुष टूटा पड़ा है तो आगबवूला हो उठे, और धनुष तोड़ने वाले की खोज करने लगे। इसी बीच महार्षि परशुराम के क्रोघ को शान्त करने के लिए लक्ष्मण प्रयास करने लगे मगर महार्षि शाःत होने का नाम नही ले रहे थे, तो लक्ष्मण व परशुराम के बीच संवाद छिड गया जो भोर तक चलता रहा। अंत में भगवान श्री राम जी ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को शांत कर राम लीला का मंचन संपन्न हुआ।