रसूलाबाद ईओ पर बिना टेंडर करोड़ों रुपये का कार्य करने पर भ्र्ष्टाचार का आरोप,

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरित करोड़ों रुपये के टेंडर पास कराकर लम्बा भ्र्ष्टाचार,
कार्यालय आयुक्त,कानपुर मण्डल ने डीएम कानपुर देहात को दिए जाँच के निर्देश,
ग्लोबल टाइम्स-7
डिजिटल
न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात ।
नगर पंचायत रसूलाबाद, द्वारा अखबारों में विज्ञप्ति देकर करोड़ों रूपये के टेण्डर डलवाये जा रहे है, जबकि उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 04-01-2023 के आदेषनुसार निकायों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित्त कमेटी को निर्देश दिये गये थे कि निकाय में किसी अहम व नीतिगत कार्य अभी न कराये जायें। तो वही रसूलाबाद नगर पंचायत ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को ताक पर रखकर नियम विरूद्ध कार्य कराकर करोड़ों रुपये का घोटाला करने के फिराक में नजर आ रहे है।
कार्यालय आयुक्त , कानपुर मण्डल, में शिकायतकर्ता अनुराग मिश्रा पुत्र रामऔतार, निवासी ग्राम व कस्बा रसूलाबाद जनपद कानपुर देहात ने कार्यालय दिवस में प्रार्थना पत्र दिनांक 22-02-2023 (छायाप्रति संलग्न) प्रस्तुत कर अवगत कराया गया है। कि अधिशाषी अधिकारी,दिनेश कुमार शुक्ला नगर पंचायत रसूलाबाद,कानपुर देहात द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 04-01-2023 के क्रम में 09 दुकानों को बिना टेंडर के बनवायी जा रही है तो वही करोड़ों रुपये के टेंडर प्रक्रिया कराकर उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। शिकायतकर्ता द्वारा उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में बिना टेंडर से बनवायी जा रही मार्केट को रोके जाने एवं गठित तीन सदस्यीय कमेटी की उपस्थिति में टेंडर रोकने का अनुरोध किया गया है।

कार्यालय आयुक्त , कानपुर मण्डल, ने प्रश्नगत प्रकरण के सम्बन्ध में स्थलीय निरीक्षण एवं जांच करवाकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कराते हुए कृत कार्यवाही की आख्या दिनांक 03-03-2023 तक इस कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश जिलाधिकारी कानपुर देहात को निर्देशित किया है।
उल्लेखनीय है कि रसूलाबाद तहसील व थाने की बेसकीमती भूमि नान जेड एल आर की भूमि जो कि राजस्व अभिलेखों में पुलिस एवं तहसील प्रबंधन के नाम पर दर्ज है फिर भी नगर पंचायत रसूलाबाद एक सोची-समझी रणनीति के तहत उस भूमि पर जबरन रेन बसेरा की आड़ में बिना टेंडर के दुकानों का निर्माण करवा रही है जो कि विधि विरुद्ध है इसमें भी नगर पंचायत के पास भूमि का स्वामित्व भी सरकार से प्राप्त नहीं है इसके बाद भी खुले आम तौर पर यह भ्रष्टाचार किया जा रहा है तो वही पुरानी ईट की दीवाल पर नई ईट से निर्माण कराकर कागजों में खाना पुरती की जा रही और स्थानीय प्रशासन चुप्पी साधे हुए है ।आश्चर्य इस बात का भी है कि इस निर्माण कार्य के लिए कोई टेंडर प्रक्रिया के साथ समाचार पत्रों में टेंडर प्रकाशन भी नही कराया गया और निर्माण कार्य खुलेआम हो रहा है तो वही कई टेंडर करोड़ों रुपये के समाचार पत्र में विज्ञप्ति देकर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुली अवहेलना कर भ्र्ष्टाचार किया जा रहा है ।
शिकायतकर्ता अनुराग मिश्रा ने बताया है कि मामला बड़ा नियम विरूद्ध है इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठाऊँगा, उन्होंने यह भी बताया अपने चहेते लोगो को पैसा लेकर आवंटित करने का आस्वासन दे रखा है।