उत्तर प्रदेशलखनऊ

गौशाला से उपेक्षित गौवंश सड़कों पर घूमने को मजबूर,जिम्मेदार नही ले रहे मामले का संज्ञान

———फ्लाप साबित हो रही गांव गांव गौशाला योजना !

:- चौबेपुर चंदिका भिढुरी में खुली गौशाला,अन्ना पशु खेतों व सड़कों पर मचाये धूम

:- मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा भी जारी कर चुके हैं गांव में अन्ना पशुओं को अतिशीघ्र संरक्षित किये जाने के सख्त कड़े निर्देश

Global Times7 News Network

Kanpur/ Lucknow !
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गौवंश संरक्षण को उनके मातहतों ने पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी
है। अन्ना मवेशी आज भी गौशाला के बजाय सड़कों पर अपना दबदबा कायम रखे हैं। गौशालाओं में सुविधाओं के नाम पर प्रदेश सरकार ने पर्याप्त धन मुहैया कराकर किसानों को राहत देने के लिए दर्जनों बार फरमान जारी किए हैं। किन्तु प्रशासनिक विफलताओं के चलते इसका खामियाजा स्थानीय किसानों व राहगीरों को निरंतर उठाना पड़ रहा है। अन्ना गौवंश ने किसानों के खेतों को तो चैपट कर ही रखा है, साथ ही प्रमुख मार्गों पर भी अपना दबदबा बरकरार रखे हैं।


चौबेपुर बेला रोड किनारे कई प्रमुख चौराहों पर आवारा पशुओं की महफ़िल को आप हर समय सड़कों पर अनियमित विचरण करते हुए देख सकते हैं। विकास खंड चौबेपुर कार्यालय से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम सभा भिढुरी में गौशाला का निर्माण कार्य कराया गया है,लेकिन अफसोस विकास खंड स्तरीय व जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं की अनदेखी के कारण गौशाला में महज खानापूर्ति ही हो रही है, विपरीत गांव में गौशाला खुले होने के बाद भी अन्ना पशुओं को बाहर गांव चंद्रिका बेला रोड किनारे पर अपनी रातें बितानी पड़ रही है अर्थात महफ़िलों में साफ तौर पर देखा जा सकता है जिससे अन्ना पशुओं के जमघट से तस्वीरें साफ झलकती नजर आ रही है।


मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद भी प्रशासन अनभिज्ञ है। इसी का लाभ कुछ ग्राम प्रधान व सचिव भी उठा रहे हैं।
ग्रामीण सूत्र बताते हैं कि गांव की गौशालाओं में ज्यादा जानवरों की संख्या दिखाकर खर्चे का मनगढ़ंत बिल बना रहें हैं और बाद में उन जानवरों को खुला छोड़ देते हैं। वहीं कुछ दिनों पहले ही शासन के निर्देशन पर विशेष सचिव द्वारा भी विकास खंड भिढुरी गौशाला का निरीक्षण भी किया गया जा चुका है,और अव्यवस्थाओं व पशुओं की संख्या को लेकर रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपने की बात भी निरीक्षण के दौरान मीडिया को बतायी थी,लेकिन सबकुछ कागज पर ही सिमट रह गया।
क्षेत्र में आवारा पशुओं से जहां एक ओर किसान परेशान है तो वहीं दूसरी ओर सड़कों पर दुर्घटनाएं होना आम बात हो गयी है। विडम्बना यह है कि प्रदेश सरकार की नीतियों का क्रियान्वयन करने में उनका प्रशासनिक अमला पूरी तरह विफल है। प्रशासन की मौन प्रवृत्ति बहुत कुछ बयां कर रही है। जिसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है।

एस एन कश्यप, बीडीओ चौबेपुर

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा द्वारा भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं

अन्ना पशुओं की समस्याओ से निजात दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध भी दिख रही है जिसके फलस्वरूप
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा द्वारा भी सभी जनपदों के
मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसानों की फसलों व सड़कों पर होने वाले हादसे से निजात पाने लिए जल्द से जल्द सभी छुट्टा पशुओं को संरक्षित कराया जाए, जो लापरवाही बरतने का प्रयास करे उसके प्रति कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का भी कार्य किया जाए ।

निर्देशों के बावजूद भी चौबेपुर विकास खंड के अधिकारियों व कर्मचारियों की निष्क्रियता आ रही सामने

यदि बात की जाए चौबेपुर विकास की तो अजीब सा लगता है कि शासन व जिला प्रशासन द्वारा लगातार निर्देश व आदेश जारी किए जा रहे हैं लेकिन विकास खंड के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
विकासखंड के बेला रोड किनारे जगह जगह अन्ना पशुओं की सजती खुलेआम महफ़िलों को लेकर खंड विकास अधिकारी एस एन कश्यप समेत अधिकारियों व कर्मचारियों की भी कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है,जहां विकास खंड के चंदिका भिढुरी गांव में गौशाला का निर्माण कार्य कराया जा चुका है लेकिन फिर भी बेलारोड किनारे जगह जगह यथा अब्दुलपुर अम्बेडकर मूर्ति के सामने,निजी गेस्ट हाउस चंदिका, प्रतापपुर नहर पुल के पास,कुर्मी खेड़ा कला, रौतापुर इत्यादि आधा दर्जन प्रमुख जगहों पर अन्ना पशुओं के झुंड को भी देखा जा सकता है, जिसके कारण अन्ना पशुओं के झुंडों व उनके आतंकों से आये दिन राहगीरों को चुटहिल होकर मार्ग दुर्घटनाओं का शिकार भी होना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में अन्ना पशुओं के आतंकों से किसानों को अपनी अपनी फसलें भी बचानी मुश्किल पड़ रही है । बावजूद भी अधिकारी व कर्मचारी संवेदनशील नहीं दिखाई पड़ रहे हैं, ऐसे में देखना होगा कि क्या मुख्य सचिव के सख्त निर्देश का भी कुछ असर विकास खंड के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी पड़ता दिखाई पड़ेगा अथवा सिर्फ हवा हवाई ही साबित हो कर रह जाएगा ।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button