विद्यालय में स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां, कायाकल्प को लगा पलीता ।

उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुरादपुर संदलपुर में एक शौचालय तक को आज भी तरस रहे बच्चे,
:- शौचालय अभाव में विद्यालय के बच्चे खुले में शौच करने के लिए हैं मजबूर,जिम्मेदार अंजान
ग्लोबल टाइम्स-7
न्यूज नेटवर्क
शेष नारायण मिश्रा
सिकन्दरा कानपुर देहात !
जहां शासन स्तर से सरकारी विद्यालयों को माडल विद्यालयों का कायाकल्प योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें दर्जा दिये जाने का सरकार द्वारा नित नए इंतजाम करते करते हुए कड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं, लेकिन अफसोस जिम्मेदार लोगों की नजरों से अछूती कायाकल्प योजना धरातलीय व्यवस्थाओं के कारण धूल फांकती हुई नजर आ रही है,और जहा शासन से जारी होने वाले लाखों रुपए के खर्च का बजट ज़मीं पर पहुंचते ही पूरा फुर्र हो कर कागज पर सिमट कर रह जाता है, जिससे कि व्यवस्थाएं अपना दुखड़ा सुनाने पर मजबूर हो जाती है, ऐसी परिस्थितियों में
कहावत वही चरितार्थ हो जाती है कि अंधे पीसते रहे, नीचे लोग भरपूर चबाते रहें ।
अर्थात जहां कोई देखने व सुनने वाला नहीं होता है वहां ऐसी ही परिस्थितियां उत्पन्न होने लगती है ।
एक ऐसा ही मामला
ब्लॉक संदलपुर के गांव मुरादपुर स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से शनिवार को प्रकाश में आया।जहां विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए शौच क्रिया प्रयोग हेतु अभी तक कोई शौचालय शासन व जिम्मेदार लोगों द्वारा मुहैया नहीं कराया जा सका है । जहां एक शौचालय है भी वह भी पुर्णतय खंडहर व झाड़ियों में तब्दील व चारों से घिरा हुआ शौचालय बना है। जोकि खुलेआम अपने भाग्य को धिक्कारते हुए भी दिखाई दे रहा है। जिसके कारण विद्यालय में पढ़ने वाली मात्र एक दर्जन छात्र एवं छात्राएं खुले में शौच जाने के लिए विवश है।
वहीं पर खुलेआम स्वच्छ भारत मिशन की शिक्षा विभाग द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ब्लाक स्थित मुरादपुर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षामित्र अध्यापक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि विद्यालय में मात्र एक दर्जन छात्र एवं छात्राएं अंकित हैं। लेकिन आज मात्र 4 छात्र ही अध्ययन करने के लिए आए। हम तो सिर्फ 4 दिन के लिए शिक्षा देने के लिए आए हैं। ड्यूटी पर तैनात मास्टर छुट्टी पर चले गए। उन्होंने बताया कि विद्यालय में खंडहर पड़ा सुलभ शौचालय के कारण विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं शौच क्रिया के लिए बाहर जाना पड़ता है। उपरोक्त समस्या के निदान हेतु शिक्षा विभाग द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों को सूचित भी किया गया लेकिन अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। और न ही इस ओर किसी जिम्मेदार के द्वारा कोई भी ध्यान दिया जा सका है।
जिसके कारण विद्यालय की समस्याएं ज्यों की त्यों पड़ी हुईं हैं। अब यह देखना होगा कि क्या उक्त संदर्भ में जिले के किसी भी सक्षम अधिकारी की नजर इस ओर आकर्षित हो सकेगी , और शासन की कायाकल्प योजना से कुछ अंश इस भी बेचारे मुरादपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय को भी मिल सकेगा , या फिर सरकारी योजनाओं को शासन व सरकार द्वारा जारी की गई महत्वाकांक्षी योजनाएं मुंह चिढ़ाती हुई ही नजर आती रहेगी ।