उत्तर प्रदेशलखनऊ

इक्कीस हजार दीपों से जगमगया जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय

ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज नेटवर्क

बलिया ।
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के सातवें स्थापना दिवस के अवसर पर त्रिदिवसीय समारोह के तहत गुरुवार को विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा अन्तरमहाविद्यालयीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किया गया।
मुख्य अतिथि राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने युवाओं का आह्वान किया कि वे देश और समाज के विकास में प्राणपण से जुट जाएँ। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण का कार्य करते हैं। युवाओं के सर्वांगीण विकास में खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जिसका पूरा निर्वहन जे एन सी यू द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान मुख्य अतिथि व कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने संयुक्त रूप से अंतरमहाविद्यालयीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहे मां नरहेजी स्नातकोत्तर महाविद्यालय , नरही, द्वितीय स्थान प्राप्त दूजा देवी महाविद्यालय, रजौली सहतवार, तृतीय स्थान पर रहे श्री मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय और चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले सतीश चन्द्र महाविद्यालय को पुरस्कार वितरित किया गया।
वहीं 20 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर एवं समस्त संकुलों में विजन एवम् मिशन स्टॉल का प्रदर्शन किया गया था। जिसमें प्रथम दूजा देवी महाविद्यालय, द्वितीय विश्वविद्यालय परिसर , तृतीय मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय एवं चतुर्थ स्थान किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय रक्सा, रतसड़, को प्राप्त हुआ था।

इसी क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘सृजन’ के विजेता मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय, उपविजेता गुलाब देवी महाविद्यालय समेत तृतीय स्थान बांसडीह महाविद्यालय तथा चतुर्थ स्थान विश्वविद्यालय परिसर को प्राप्त हुआ।

दीपसंध्या में विश्वविद्यालय परिसर 21 हजार दीपों से जगमगा उठा

सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो लल्लनजी सिंह, पूर्व कुलपति, हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर, गढ़वाल और विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार पाण्डेय रहे।

प्रो लल्लन जी सिंह ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए कहा कि देश में 1200 के लगभग विश्वविद्यालय हैं उनमें जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय ने 750वां स्थान प्राप्त किया है, जिसके लिए मैं विश्वविद्यालय की कुलपति को धन्यवाद देता हूंँ और उनके प्रयासों की सराहना करता हूँ । एक विश्वविद्यालय को धरातल से उठाकर ऊंचाइयों तक ले जाने में एक कुलपति को अथक परिश्रम करना पड़ता है जो कल्पलता पाण्डेय जी ने किया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नियुक्ति करना लोहे के चने चबाने के बराबर होता है किंतु कुलपति जी ने यह भी कर दिखाया है। नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए भी आपने कुलपति की प्रशंसा की ।

अशोक कुमार पांडेय जी ने बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन और एकरूपता आदि की जरूरत है न कि किसी के उकसावे की । विद्यार्थियों को सफलता के लिए अपने जीवन में अनुशासन के मार्ग पर चलना चाहिए।

कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की नींव की बात करते हुए श्रद्धेय जननायक श्री चंद्रशेखर जी, उनकी स्मृतियों और उनके विचार बिंदुओं को नमन किया । आपने बताया कि हमें अपनी ऊर्जा का सही स्थानांतरण तथा उसका सही उपयोग करना चाहिए । आपने बताया कि ‘खेलो इंडिया’ में विश्वविद्यालय को 2 स्वर्ण पदक मिले हैं। आपने बताया कि बच्चों के चहुँमुखी विकास के लिए शिक्षा के साथ साथ खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी अत्यंत जरूरी हैं। इसी उद्देश्य से विश्वविद्यालय में फाइन आर्ट की कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं । आपने यह विश्वास जताया कि यह विश्वविद्यालय चंद्रशेखर जी के विजन के अनुरूप कार्य करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में शास्त्रीय नृत्य , तबला , गायन आदि के साथ बेटियों की मनोदशा को व्यक्त करता हुआ नृत्य नाटक और वृद्ध माता की दुर्दशा को बताने वाला लघु नाटक आदि प्रस्तुत किए गए। इस कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने सहभागिता की और कार्यक्रम को सफल बनाया । कार्यक्रम का आरंभ संगीत प्राध्यापक प्रद्युम्न उपाध्याय द्वारा मंगलाचारण एवं कुलगीत की प्रस्तुति के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डाॅ सरिता पाण्डेय ने और धन्यवाद ज्ञापन डाॅ अजय कुमार चौबे ने किया।

इस अवसर पर प्रो साहेब दुबे, प्रो जैनेंद्र पाण्डेय, प्रो अरविंद नेत्र पाण्डेय, प्रो नीरजा सिंह, प्रो फूलबदन सिंह, प्रो गौरी शंकर दिवेदी, एसोसिएट प्रो फेसर डाॅ पुष्पा मिश्रा, डाॅ अजय कुमार चौबे , डाॅ प्रियंका सिंह, डाॅ विनीत सिंह , डाॅ रजनी चौबे सहित परिसर एवं महाविद्यालयों के शिक्षक , कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

Global Times 7

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