वीगो लगने से मरीज का पैर हुआ खराब मरीज को किया हॉस्पिटल से बाहर।

GT-7न्यूज नेटवर्क
जे.पी.मिश्रा
कानपुर मामला श्यामनगर के सतबरी रोड मुरली हास्पिटल का है जहाँ पीड़ित अपनी पत्नी सुदामा देवी के कमर दर्द का इलाज कराने उक्त हास्पिटल गया था जहाँ खुद को डॉक्टर कहने वाला यस. के. यादव ने कमजोरी बताकर मरीज को भर्ती कर पैर में वीगो लगाकर इलाज चालू कर दिया पीड़ित की माने तो झोलाछाप डॉ यस. के.यादव और डॉ रितेश श्रीवास्तव ब्लड सेम्पल का कार्य करते थे अब cmo साहब की कृपा से डॉक्टर बन गये है पीड़ित का कहना है कि इलाज के दौरान सुबह जब अपनी पत्नी का पैर देखा तो वह काला पड़ गया था जब पीड़ित ने डॉ यस. के.यादव को बताया कि गलत वीगो लगने से मेरी पत्नी का पैर खराब हुआ है तो उक्त डाक्टर ने यह कहकर चुप करा दिया कि इलाज नहीं करूंगा इन दोनों झोलाछापों ने मिलकर इलाज के लिए पीड़ित से 2 लाख 45 हजार रुपए ठग लिए

आगे और इलाज कराने के लिए 50 हजार की अतिरिक्त माग कर दी जब पैर में कोई सुधार न देख पीड़ित ने डॉ यस.के.यादव से बात की तो उन्होंने हॉस्पिटल से मरीज को बाहर निकाल दिया पीड़ित ने cmo आलोक रंजन से मिला और शिकायत भी की तो उन्होंने काशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती करा दिया जहाँ के डॉक्टरों ने उसको तीन दिन बाद यह कहकर हैलट रिफर कर दिया कि इसका इलाज यहां नहीं है

जब पीड़ित हैलट गया तो वहाँ के डाक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया एक ओर सरकार मरीजों के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है वहीं हमारे cmo साहब है कि लिखित शिकायत मिलने के बावजूद भी झोलाछापों पर कोई कारवाही नहीं करते हैं खाना पूर्ति के लिए नोडल अधिकारी श्री सुबोध कुमार को जांच सौंप दी जो कि आज तक झोलाछाप हास्पिटल संचालक पर कोई कार्यवाही नही हुई और न होगी क्यों कि सब चोर चोर मौसेरे भाई जो ठहरे अब पीड़ित का कहना है कि अपनी पत्नी को लेकर योगी जी के समक्ष पेश होंगे और अपनी हर आपबीती से अवगत कराएंगे।