शोभन सरकार के शिष्य ओम बाबा का निधन !

ग्लोबल टाइम 7
न्यूज़ नेटवर्क
उन्नाव
फुन्नी त्रिपाठी
उन्नाव तहसील बीघापुर के डौडिया खेड़ा किले में हजार टन सोना दबा होने की चर्चा में आये ओम बाबा के बीमारी के चलते निधन हो गया चित्रकूट/सरैंया। मानिकपुर विकास खंड के ऐंचवारा गांव स्थित शोभन सरकार आश्रम के संचालक बाबा ओम बीमारी से गोलोकवासी हो गए। धर्मनगरी के साधु, संतों और स्थानीय निवासियों ने दुख जताया। उनका निधन कानपुर में हुआ। परिवार के लोग पार्थिव शरीर जन्मभूमि मेरठ ले गए।शोभन सरकार का एक आश्रम ऐंचवारा गांव में है। यहां संस्कृत की वेद पाठशाला और गोशाला खुली हुई है। इसके अलावा गोबर से बनने वाली वस्तुएं भी बनाई जाती है। शिक्षक नवल तिवारी ने बताया कि बाबा ओम 1993 में ऐंचवारा गांव आए थे। नदी किनारे बने बंगला मुखी मंदिर में रहने लगे थे। कुछ साल बाद यहां आश्रम का निर्माण किया। कानपुर, लखनऊ में उनके हजारों शिष्य हैं। बाबा ओम के गोलोकवासी होने से ग्रामीण दुखी हैं।बताया कि छह माह पहले आश्रम में हुए कार्यक्रम में उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने और बायोगैस का संयंत्र लगाने की बात भी कही थी। उन्होंने कहा था कि बायो गैस संयंत्र चालू होने पर क्षेत्र के लोगों से एक रुपये किलो गोबर खरीदेंगे। उनके निधन पर महंत दिव्यजीवदास, रामह्दय दास, सीताशरण दास व मदनदास ने दुख जताया।

अन्ना मवेशियों की समस्या का बताया था समाधान
ओमबाबा ने अन्ना मवेशियों की समस्या का समाधान भी बताया था। वह आश्रम की गोशाला में गोबर व गोमूत्र का प्रयोग दवा बनाने में करते थे। इसे बाजार में बेचते भी थे। समाजसेवी संतोष बंसल ने बताया कि ओमबाबा दूरदर्शी थे। उनका कहना था कि यदि हर गोशाला में काम हो तो अन्ना मवेशियों की समस्या समाप्त हो जाए और लोगों को रोजगार भी मिल जाए।