पुलिस और आपके अधिकार!

????????पुलिस और आपके अधिकार❓❓
पुलिस एफआईआर दर्ज करने से मना नहीं कर सकती
Global times7 news network
Lucknow up
थाने में आने वाले प्रत्येक पीड़ित की सूचना प्राथमिकी यानी एफआईआर (FIR) / DD Entry दर्ज करना पुलिस की पहली जिम्मेदारी है। जब बात पुलिस और आपके अधिकार की आती है तो पुलिस आपको एफआईआर दर्ज करने से मना नहीं कर सकती। आपको इसकी एक कापी मुफ्त में उपलब्ध कराना भी उसी की जिम्मेदारी है।
????पुलिस बगैर कारण बताए गिरफ्तार नहीं कर सकती
✅कोड आफ क्रिमिनल प्रोसीजर यानी सीआरपीएसी (CRPC), जिसे हिंदी में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता भी कहते हैं, की धारा 50 (1) के मुताबिक यदि पुलिस ऐसा करती है तो उसे आपको कारण बताना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करती तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।
✅नोन काग्निजेबल आफेंस (non cognizable offence) यानी असंज्ञेय अपराधों के मामले में गिरफतार व्यक्ति को गिरफतारी वारंट देखने का अधिकार होगा, अलबत्ता संज्ञेय यानी गंभीर अपराध के मामले में पुलिस वारंट दिखाए बगैर भी गिरफतार कर सकती है। लेकिन इसके लिए भी उसे किसी सीनियर पुलिस अफसर एवं मजिस्ट्रेट की अनुमति की आवश्यकता होगी।
????गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से अरेस्ट मेमो में हस्ताक्षर लेने जरूरी
पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से अरेस्ट मेमो (arrest memo) पर आवश्यक रूप से हस्ताक्षर लेने होंगे। सीआरपीसी की धारा 41 (B) के अनुसार पुलिस को यह अरेस्ट मेमो तैयार करना होगा। इसमें पुलिस अधिकारी की रैंक का उल्लेख होने के साथ ही गिरफ्तार करने का वक्त एवं पुलिस अफसर के अतिरिक्त प्रत्यक्षदर्शी के हस्ताक्षर भी होते हैं।
इसके साथ ही किसी को गिरफ्तार करने गए पुलिस अफसर को वर्दी में होना आवश्यक है। यह भी प्रावधान है कि नेम प्लेट पर उसका नाम साफ साफ लिखा हो।
????पुलिस किसी को भी 24 घंटे से अधिक हिरासत में नहीं रख सकती
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की धारा 57 में यह व्यवस्था दी गई है। उसे गिरफतार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना जरूरी है।
यदि पुलिस संबंधित व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक हिरासत में रखना चाहती है तो उसे सीआरपीसी की धारा 56 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी एवं साथ ही मजिस्ट्रेट को इजाजत देने की वजह भी बतानी होगी।
????पुलिस किसी व्यक्ति से मारपीट अथवा अमानवीय व्यवहार नहीं कर सकती
पुलिस थाने लाए गए किसी भी व्यक्ति के साथ मारपीट अथवा अमानवीय व्यवहार नहीं कर सकती। इस संबंध में देश की सर्वोच्च विधिक संस्था सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश जारी किया गया है।
????गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य का जिम्मा पुलिस का
पुलिस किसी व्यक्ति को हिरासत में अथवा गिरफ्तार करके थाने लाकर भूखा नहीं रख सकती। सीआरपीसी की धारा 55 (1) के अनुसार गिरफ़तार किए गए व्यक्ति की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य का ख्याल रखना उसकी जिम्मेदारी है। इसके लिए उसे भत्ता दिया जाता है।