बुढ़वा मंगल के मेले की तैयारियां पूरी,होगी हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़

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विकास अवस्थी हैड क्वार्टर
ककोर
प्राचीन हनुमान मंदिर में बुढ़वा मंगल के पावन पर्व पर की तैयारियां जोरों पर हैं।मंगलबार के दिन पावन अवसर पर बुढ़वा मंगल के दिन यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लग जाता है।और देर रात तक यही क्रम रहता है।पूरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बनी रहती है।प्रशासन को भीड़ में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने मै कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।मिले की भारी भीड़ के कारण पुलिस विभाग बहुत ही सक्रिय भूमिका में रहते है। दिबियापुर थाना अध्यक्ष शशि भूषण मिश्रा ने बताया हनुमान मंदिर पर लगने वाले भव्य मेले आयोजन के लिए पुलिस की सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं मेले में कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए जगह-जगह टीम गठित की गई है यदि कोई अपनी घटना का दोषी पाया जाता है।तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।जो भी श्रद्धालु मंदिर में आए।शांति से अपना प्रसाद चढ़ाकर प्रभु दर्शन करे। आराम से मेले में रहे और शांति अवस्था को बनाए रखें ।मंदिर के महंत राम प्रिय दास जी ने बताया कि मंदिर परिसर में मेला करीब 25 साल से ज्यादा समय से लग रहा है।उस समय हनुमान मंदिर के अलावा कोई भी अन्य मूर्ति स्थापित नहीं थी।महंत जी को आज प्रभु की सेवा करते हुए 38 वर्ष हो गए।महंत जी बालयोगी में ही आए थे तब से लेकर आज तक हनुमान जी की सेवा कर रहे है।और मंदिर की सारी कायाकल्प महंत रामप्रीत दास जी के द्वारा कराई गई है और भी मंदिर में लगातार प्रगति हो रही हैं।महंत दास जी ने बताया कि मंदिर में सर्वप्रथम केवल हनुमान जी की मूर्ति स्थापित थी।एक बार लोग कही जा रहे थे।बहुत परेशान थे पेड़ की छाया में विश्राम करने लगे।हनुमान मूर्ति देखकर मन्नत मांगी।उनकी कुछ ही दिनों में मन्नत पूरी हो गई।फिर वह भक्त हर मंगलवार आने लगे।उन भक्तों की मुराद पूरी देख व उनके वचनों को सुनकर मंगलवार को भक्तों का तांता लगने लगा।तब से आज तक लाखों लोगों की मन्नत पूरी हो चुकी है,और अब प्रत्येक दिन भक्तों का तांता लगा रहता है।बहुत दूर-दूर से भक्त आते हैं हनुमान मंदिर पर मत्था टेकने वालों की मन्नत पूरी हो जाती है।हनुमान जी सबकी मुरादों को पूरी करते हैं जानकारों मनीषियों का कहना यह मंदिर लगभग 200 वर्ष पुराना है जब दिव्यापुर में बहुत कम ही आबादी थी।तब से इसका इतिहास जुड़ा हुआ है। महंत रामप्रिय दास जी का कहना है मै बचपन से ही हनुमान जी की सेवा कर रहा हूं और जो भक्त सच्चे मन से आते हैं आकर हनुमान जी को लड्डू मालपुआ माला ,पुष्पांजलि आदि जो भी सच्चे मन से समर्पित करते हैं हनुमान जी उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं