बारहवीं शरीफ के जलसे का हुआ आगाज,सैकड़ो की तादात में मुस्लिम संविदा के लोग हुए शामिल

*जीटी 7 डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया, कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा। 03 सितंबर 2025* 
*#औरैया।*  बारहवीं शरीफ के पवित्र पर्व के अवसर पर शहर के मोहल्ला रजानगर में मुस्लिम समुदाय ने एक भव्य जलसे का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में दूर-दूर से आए मौलानाओं ने हजरत मोहम्मद साहब के जीवन और शिक्षाओं पर रोशनी डाली। जलसे में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए और पैगंबर-ए-इस्लाम के जन्मदिन को उत्साह के साथ मनाया। हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं पर डाली गई रोशनी आयोजन में मौलानाओं ने हजरत मोहम्मद साहब के जीवन पर विस्तार से चर्चा की।                                                   .उन्होंने बताया कि हजरत मोहम्मद साहब का जन्म मक्का की पवित्र धरती पर हुआ था। बारहवीं शरीफ का यह पर्व उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसे मुस्लिम समुदाय बड़े सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाता है। मौलानाओं ने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब ने हमेशा मानवता की सेवा की, इस्लाम का प्रचार-प्रसार किया और दुनिया में अमन व चैन का पैगाम दिया। उन्होंने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया और सभी के लिए प्रेम, करुणा और भाईचारे का संदेश दिया। हुसैनी लंगर और दुआ का आयोजन जलसे के दौरान कई स्थानों पर हुसैनी लंगर का भी आयोजन किया गया, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में मुल्क में अमन, चैन और खुशहाली के लिए दुआएं मांगी गईं। उपस्थित लोगों ने एकजुट होकर देश और समाज की तरक्की के लिए दुआ कीं। वही इस मौके पर जलसे में शहर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। मुख्य रूप से गुलाम अब्दुस्समद मियां साहब,क़ाज़ी शहर औरैया, हज़रत मुफ़्ती आसिफ़ रज़ा मुजद्दीदी साहब कन्नौज,शायर ए इस्लाम,जनाब शादाब रज़ा कानपुरी साहब , मद्दाहे रसूल हज़रत जाबिर रज़ा फ़िरोज़ाबादी, क़री आरिफ़ रहमानी-पूर्व काज़ी ए शहर, मौलाना अल्तमस चिश्ती साहब, मौलाना मुशीर साहब, हाफिज गुलजार, हाफ़िज़ एहतिशाम साहब, मोo शोएब राईन, रईस कादरी, फिरोज, अब्दुल सलाम, जावेद, अहमद मियां, मो० राशिद, कासिम सिद्दीकी, आरिफ़, आसिफ फारूकी, मुक़ीम, सिराज, असलम, अमन राईन,शफ़ीक़,शोएब सिद्दीकी , शाहिद फ़ारूक़ी व समस्त फैज़ाने रज़ा कमेटी व जुमला रज़ा नगर वासी सहित मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में सभी ने एकजुटता और भाईचारे का संदेश दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि समाज में एकता और शांति का संदेश देने में भी सफल रहा।
 
				 
					 
					




