उत्तर प्रदेश

बैटल ऑफ बीझलपुर के 81 शहीदों को याद कर मनाया बलिदान दिवस

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*दीप प्रज्ज्वलित कर यमुना में किये गए प्रवाहित*
*जीटी 7 डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया, कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा। 16 मई 2025*
*#औरैया।*  16 मई शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया गया कि बिगत 16 मई 1858 को अंग्रेजी सैनिकों से गुरिल्ला युद्ध में शहीद हुए 81 क्रांतिवीरों को सदर विधायक श्रीमती गुड़िया कठेरिया व जिलाधिकारी डॉ0 इंद्रमणि त्रिपाठी  एवं संबंधित अधिकारियों सहित स्थानीय लोगों ने याद कर श्रद्धांजलि दी। शहीदों की स्मृति में 81 दीपक प्रज्ज्वलित कर यमुना नदी में प्रवाहित किये गयें।                                                    .शहीदों की स्मृति को समर्पित संस्था भारत प्रेरणा मंच के तत्वावधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सदर विधायका ने कहा कि हम उन शहीदों के ऋणी हैं जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने बताया कि बीझलपुर के शहीद स्थल पर विकास के निर्देश प्रशासन को दे दिए गए हैं। जिलाधिकारी  ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि  हमें इन शहीदों के बलिदान से देश प्रेम और त्याग की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि शहीद स्थल पर विकास का प्रोजेक्ट बन गया है, वित्तीय स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। भारत प्रेरणा मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम में इटावा से कलेक्टर एओ ह्यूम व कर्नल रिडिल के नेतृत्व में यमुना के जलीय मार्ग से कालपी में रानी लक्ष्मीबाई के साथ में होने वाले युद्ध में ब्रिटिश सेना का साथ देने जा रही इटावा से चली अंग्रेजी सेना जैसे ही 12 मई 1858 को बीझलपुर के यमुना घाट पर पहुंची  जनपद औरैया की क्रांतिकारी सेना ने यमुना के दोनों किनारों से अंग्रेजी सेना पर धावा बोल दिया। अपने घातक प्रहारों से क्रांतिकारी सेना ने 04 दिन तक अंग्रेजी सेना को कालपी की तरफ नहीं बढ़ने दिया। जब कलेक्टर एओ ह्यूम  ने देखा कि बिना जमीनी मार्ग से अतिरिक्त सेना मंगायें वह बीझलपुर यमुना घाट से एक कदम आगे नहीं बढ़ पाएगा तो उसने इटावा से  अतिरिक्त सेना मंगवा कर क्रांतिकारियों पर पीछे से हमला करवा दिया। चारों तरफ से घिरने के बाद भी क्रांतिकारी सेना  पीछे न हट कर अपनी जान पर खेलकर अंग्रेजी सेना से बराबर लोहा लेती रही।                                                   .इस युद्ध में 81 क्रांतिकारियों ने आजादी की बलिवेदी पर अपने आप को बलिदान कर दिया। इनमें पांच सगे भाई भी शामिल थे। संचालन कर रहे राष्ट्रीय कवि व मंच के अध्यक्ष अजय अंजाम ने कहा कि अपने पुरखों का वह शौर्य प्रणम्य है जिसमे उन्होंने फिरंगी तोपों और बंदूकों का सामना हंसिया, खुरपी, कुल्हाड़ी और कुदाली जैसे घरेलू औजारों से किया। इस अवसर पर कवि निर्मल पाण्डेय, प्रशान्त अवस्थी प्रखर, योगेश दीक्षित व आलोक अग्निहोत्री कविताओं के माध्यम से शहीदों को नमन किया। तहसीलदार अजीतमल अविनाश सिंह ने कहा कि हम लोगों को क्रान्तिकारियों के बताये रास्ते पर चलने का लेना चाहिए। खण्ड विकास अधिकारी आदित्य तिवारी ने कहा कि  यह क्षेत्र वीरो की भूमि है। जनपद का औरैया का स्वतन्त्रता संग्राम में विशेष योगदान है और रास्ते पर चलने का संकल्प दिलाया। इसके बाद सभी लोग पांच भाइयों के स्मारक पर दीप जलाते हुए यमुना तट पर पहुंचे। यहां 81 दीपक जलाकर यमुना में प्रवाहित किये गयें। कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर नरेन्द्र सिंह सेंगर कपिल गुप्ता वी डी यादव राकेश दुबे पुष्पेन्द्र सिंह निषाद सहित सैकड़ों क्षेत्रवासी आदि मौजूद रहें।

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