उत्तर प्रदेश

सातवें दिन भी बना रहा गतिरोध, अधिवक्ताओं का धरना प्रदर्शन जारी

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*लोकतंत्र में लोकहित सर्वोपरि या लोकसेवक का पद, लोक हितों की हो रही है भारी क्षति*

*ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क 0006*
*राकेश कुमार मिश्रा*
*उपजिला संवाददाता*
*02 अप्रैल 2025*

              शिवली, कानपुर देहात | लोकतंत्र में लोकहित सर्वोपरि होता है या लोक सेवक की प्रतिष्ठा इसका निर्णय जिले के आला अफसर विगत 7 दिनों से नहीं कर पा रहे हैं अधिवक्ताओं और उपजिलाधिकारी  मैंथा का आपसी टकराव के कारण जहाँ एक ओर फरियादियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर निबंधन कार्यालय में काम न हो सकने के कारण प्रतिदिन लाखों रुपए राजस्व की राजकीय कोष को क्षति हो रही है ऐसी स्थिति में बहुत ही गंभीर चिंतन करने की बात है कि लोकहित सर्वोपरि है या लोक सेवक की प्रतिष्ठा, यद्यपि अधिवक्ताओं द्वारा उप जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली के संदर्भ में  लगाए गए आरोपों के सभी साक्ष्य अपने ज्ञापन के साथ  जिला अधिकारी कानपुर देहात को सौंप दिया गया था किन्तु आला अधिकारी लोक हितों की उपेक्षा करते हुए अब तक कोई निर्णय नहीं ले सके हैं, विगत दिवस कुछ अधिवक्ताओं ने पुनः जिला अधिकारी कानपुर देहात से इस संदर्भ में संपर्क स्थापित किया तो जिलाधिकारी कानपुर देहात ने शुक्रवार तक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है| इधर सातवें दिन भी तहसील परिसर में अधिवक्ताओं द्वारा अपनी मांगों के पूर्ण होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लेते हुए धरना और प्रदर्शन जारी रखा | आज जारी धरना प्रदर्शन में अध्यक्ष भूपेंद्र यादव, गीतेश अग्निहोत्री, मोनू पान्डेय, उमाकांत त्रिपाठी, संदीप दुबे, ज्ञानेंद्र मिश्रा, कुलदीप तिवारी, राजीव दीक्षित, बाली शंकर नीरज वर्मा आशुतोष पांडे सच्चिदानंद अग्निहोत्री विनोद अवस्थी रणविजय सिंह, जितेंद्र सविता, बालकृष्ण गुप्ता, अनुराग स्वर्णकार आदि अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे |

Global Times 7

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